हरतालिका तीज पहली बार मना रही हैं, तो जानिए इसके पीछे की कथा और जरूरी बात

Hartalika Teej 2023: हरतालिका तीज हिंदू धर्म का एक ऐसा व्रत है जिसे न केवल विवाहित महिलाएं बल्कि अच्छे वर की चाहत रखने वाली अविवाहित लड़कियां भी रखती हैं। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज मनाई जाती है। इसे तीज या तीजा भी कहा जाता है। इस साल हरतालिका तीज का व्रत 18 सितंबर को रखा जाएगा।

इस व्रत में भगवान शिव और माता गौरी पार्वती की पूजा की जाती है। महिलाएं पूरे दिन निर्जला निराहार व्रत रखती हैं और रात में पूरा श्रृंगार करती हैं और फिर भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं।

इसलिए हरतालिका तीज मनाई जाती है

जब माता पार्वती को पता चला कि उनके पिता ने उनका विवाह भगवान विष्णु से तय कर दिया है तो वह बहुत दुखी हुईं। उनका दुःख देखकर पार्वती जी की एक सखी ने उनसे उनके दुःख का कारण पूछा। पार्वती जी ने अपनी व्यथा सुनाई कि वह सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा करती हैं और उनके अलावा किसी और को अपना पति नहीं सोच सकतीं। तब उनकी सहेली ने उन्हें समझाते हुए कहा की वह हिम्मत न हरे और उनके साथ चले। पार्वती जी को यह बात समझाकर उनकी सखी उन्हें जंगल में एक तपस्या स्थल पर ले गईं, जहां उनके पिता भी नहीं पहुंच सकते थे। उसी जंगल में देवी पार्वती भगवान शिव की घोर तपस्या करने लगीं। परिणामस्वरूप, भगवान शिव ने मां पार्वती को दर्शन दिए और उनकी इच्छानुसार उनसे विवाह करने के लिए तथास्तु कहा। इसके बाद माता पार्वती ने व्रत तोड़ा और अगली सुबह पारण किया। यह दिन भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि थी।

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ऐसे मनाएं हरतलिका तीज

  • एक दिन पहले हाथों पर मेहंदी लगाएं।
  • 24 घंटे तक निराहार और निर्जल रहें।
  • केले के पत्तों का मंडप बनाएं और मिट्टी से भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की मूर्ति बनाएं।
  • शाम के समय नए कपड़े पहनें और सोलह श्रृंगार करें।
  • मूर्ति के सामने दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
  • दूर्वा, बेलपत्र, फल, फूल, मिठाई, माला और शमीपत्र चढ़ाएं। पार्वती जी को श्रृंगार का सामान जैसे चूड़ियां, बिंदी, आलता, नेल पॉलिश, लिपस्टिक, लाल वस्त्र आदि चढ़ाएं फिर हरतालिका तीज व्रत की कथा सुनें और सुनाएं। इसके बाद गणेश जी, शिव जी और पार्वती जी की आरती करें और अगले दिन पारण करें।
  • अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत रखें।

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