“हम भविष्य की तकनीक के आधार पर…”, NDTV डिफेंस समिट में बोले DRDO प्रमुख

नई दिल्ली:

NDTV डिफेंस समिट में भविष्य़ की तकनीक को लेकर विस्तार से बात की गई. समिट के दौरान सबसे ज्यादा फोकस आत्मनिर्भर भारत पर रहा. रक्षा मंत्री से लेकर सेना प्रमुख और DRDO प्रमुख ने भी इस बात पर खासा जोर दिया है कि आज का भारत अपनी सुरक्षा के अब किसी दूसरे देश पर निर्भर नहीं है. वह अपने लिए खुद हथियार बना रहा है और ना सिर्फ अपने लिए बना रहा है बल्कि दूसरे मुल्कों को बेजने की स्थिति में भी आ रहा है. 

“हम नई तकनीक को डिफेंस सिस्टम में शामिल कर रहे हैं”

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NDTV डिफेंस समिट में DRDO प्रमुख समीर वी कामत ने बताया कि किस तरह से वो भारतीय सेना के लिए भविष्य को ध्यान में रखते हुए अत्याधुनिक हथियार व सुरक्षा क्षेत्र से जुड़ी अन्य जरूरी चीजों को तैयार करने में लगे हैं. उन्होंने कहा कि आज कल जैसे तकनीक जैसे बदल रही हैं. ऐसे में हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती ये है कि कैसे इन नई तकनीक को अपने डिफेंस सिस्टम में शामिल किया जाए. हम इसपर लगातार काम कर रहे हैं. मुझे पूरी उम्मीद है कि हमारे अगला सिस्टम होगा वह पूरी तरह से नई तकनीक पर आधारित होगा. 

“डिफेंस सेक्टर में भी देश बन रहा है आत्मनिर्भर”

सरकरा की आत्मनिर्भरता के विजन के बीच आप डीआरडीओ को कैसे देखते हैं ? इसपर समीर वी कामत ने कहा कि यह एक आरएंडडी संस्था है. सरकार की आत्मनिर्भर की योजना बहुत अच्छी है. हम भी सरकार के विजन के तहत ही काम कर रहे हैं. हमने डीआरडीओ में रीस्ट्रेक्चर पर काम कर रहे हैं. जहां तक बात तापस प्रोजेक्ट की है तो हम उसे नए सिरे से देख रहे हैं. हमने उसे टेक्नोलॉजी डेम्सट्रेशन प्रोजेक्ट में कनवर्ट किया है. 

डीआरडीओ के प्रोजेक्ट्स और उनके अधिक कॉस्ट पर भी समीर वी कामत ने अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि आरएंडडी प्रोजेक्ट में अनिश्चिता तो रहती है. दुनिया में कहीं भी देखें डिफेंस प्रोजेक्ट्स में पूरा सही सही बता पाना कि कितने टाइम में कोई प्रोजेक्ट पूरा होगा मुश्किल होता है. लेकिन अब हम इस बात पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं कि हमारे प्रोजेक्ट्स तय समय पर पूरे कर लिए जाएं. 

समीर वी कामत ने डीआरडीओ के नए हथियारों और सिस्टम से भी एनडीटीवी को अवगत कराया. उन्होंने कहा कि हम आत्मनिर्भर भारत के विजन के साथ काम कर रहे हैं. आने वाले समय में हम कई नए सिस्टम को भी शामिल करने जा रहे हैं. अगले तीन से चार साल में कई नए सिस्टम शामिल किए जाएंगे. हमें पूरी उम्मीद है कि आने वाले समय में भी हम सेना की जो भी जरूरत है उसे पूरा कर पाएंगे. 

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