पटना. राजद सांसद मनोज झा के संसद में ‘ठाकुर साहब’ कविता पाठ के बाद से बिहार में शुरू हुए ठाकुर बनाम ब्राह्मण विवाद में नया ट्विस्ट तब आ गया जब पूर्व सांसद आनंद मोहन ने तल्ख तेवर दिखाए. इस विवाद को सबसे पहले उठाने वाले राजद विधायक चेतन आनंद के पिता आनंद मोहन ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि वह किसी के बंधुआ मजदूर नहीं हैं. उनका इशारा राजद में रहते हुए चेतन आनंद के सवाल उठाने के बाद शुरू हुए विवाद को लेकर था.
पटना में मीडिया से बात करते हुए आनंद मोहन ने चेतन आनंद के राजद में रहते सवाल उठाने पर बड़ा बयान देते हुए कहा, हम किसी के बंधुआ मजदूर नहीं हैं. कोई मुगालते में नहीं रहे कि हम किसी के गुलाम हो सकते हैं. मरते दम तक हम बंधुआ मजदूर नहीं हो सकते. 16 साल जेल की सलाखों से गुजरकर आए हैं, जब वाजिब सवाल पर आपके साथ खड़े हो सकते हैं तो फिर अपने समाज के लिए भी खड़े हो सकते हैं. विधानसभा में अगर कोई कहे कि यादव को मारो तो क्या चुप रहेंगे? जिसे विद्रोह समझना है समझे. हम ठाकुर के सवाल पर अपने समाज के साथ खड़े हैं.
आनंद मोहन सिंह ने मनोज झा पर बड़ा हमला करते हुए यह भी कहा कि मनोज झा एजेंट के रूप में राजद में काम कर रहे हैं. मनोज झा केंद्र के एजेंट हैं. आनंद मोहन ने कहा, मनोज झा के पूरे परिवार की जानता हूं. उनके पिता खुद को सोशलिस्ट कहते थे. कांग्रेस की सरकार बनते ही कांग्रेस के साथ ही गए. राजद जैसे ही कमजोर होगा मनोज झा सबसे पहले बीजेपी के साथ जाएंगे.
आनंद मोहन ने मनोज झा की फिटकरी से तुलना करते हुए कहा कि दूध को जैसे फिटकरी फाड़ देता है, मनोज झा जैसे लोग समाज को बांट देता है. महिला बिल पर ठाकुर को लाने का कोई मतलब नहीं. जुबान काटने वाले बयान पर आनंद मोहन ने कहा कि इस पर वह आज भी कायम हैं. लोकतंत्र के मंदिर में अगर मैं होता तो इसपर कड़ा विरोध करता.
आनंद मोहन ने मनोज झा को बताया फिटकिरी झा बताते हुए कहा कि वह पूरे लोकतंत्र के दूध को फाड़ने में लगे हैं. आजादी के बाद संसद में दो ही मार्शल आउट हुआ था, एक राज नारायण और दूसरा आनंद मोहन का. आनंद मोहन कभी चुप नहीं रहनेवाला है. बहादुर शाह जफर को आनंद मोहन ने स्वतंत्रता का पुजारी बताया.
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FIRST PUBLISHED : September 28, 2023, 13:16 IST