“हमें इसे रोकने की जरूरत” : तमिलनाडु के राज्यपाल की महात्मा गांधी पर टिप्पणी पर एमके स्टालिन

एमके स्टालिन और आरएन रवि के बीच एक और टकराव शुरू हो गया है.

चेन्नई:

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने महात्मा गांधी पर राज्यपाल आरएन रवि की हालिया टिप्पणियों की आलोचना करते हुए कहा कि ये बयान राष्ट्रपिता की विरासत को धूमिल करने का प्रयास थे. इससे एमके स्टालिन और आरएन रवि के बीच एक और टकराव शुरू हो गया है. आरएन रवि ने बयान दिया था कि 1942 के बाद गांधी एक गैर-घटना बन गए. हालांकि, बाद में वे अपने से पीछे हट गए और मीडिया पर चयनात्मक रिपोर्टिंग का आरोप लगाया.

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राजभवन की एक विज्ञप्ति में शनिवार को आरएन रवि के 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 127वीं जयंती पर दिए भाषण का जिक्र करते हुए कहा गया, “महात्मा गांधी के प्रति मेरा कोई अनादर नहीं था. उनकी शिक्षा मेरे जीवन की मार्गदर्शक रोशनी रही है.” राज्यपाल ने कहा, ”कुछ मीडिया ने भाषण को अलग मोड़ दे दिया.”

स्टालिन ने धार्मिक राष्ट्रवाद के खिलाफ गांधी के रुख पर जोर देते हुए कहा कि महात्मा ने धार्मिक कट्टरता का विरोध करते हुए अपना जीवन बलिदान कर दिया था. उन्होंने राज्यपाल और अन्य पर भारत के स्वतंत्रता संग्राम में गांधी की महत्वपूर्ण भूमिका को कम करके इतिहास को विकृत करने की कोशिश करने का आरोप लगाया.

स्टालिन ने कहा, “दक्षिणपंथी राष्ट्रपिता को झूठ बोलकर बदनाम करते हैं. गांधी जयंती को स्वच्छ भारत अभियान में बदलना गांधी की प्रसिद्धि को नष्ट करने का मकसद है. इससे पता चलता है कि मौजूदा दौर किस तरह सांप्रदायिकता के दलदल में फंस गया है. हमें इसे रोकने की जरूरत है.” 

महात्मा गांधी की हत्या के दिन 30 अक्टूबर को सांप्रदायिक सद्भाव प्रतिज्ञा आयोजित करने की पार्टी की योजना की घोषणा करते हुए स्टालिन ने नागरिकों से विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ एकजुट होने और महात्मा द्वारा सन्निहित सांप्रदायिक सद्भाव के सिद्धांतों को बनाए रखने का आग्रह किया. इसमें सभी धर्मों के लोग शामिल होंगे. 

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