शुभम मरमट / उज्जैन. विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में एक प्रसिद्ध बाबा हनुमान जी का मंदिर है जो गुमानदेव नाम से प्रसिद्ध है. बाबा गुमानदेव जी का यह स्थान अति प्राचीन एवं सिद्ध है. बताया जाता है कि जगड़िया गुजरात से गुमानदेव जी को आमंत्रित कर उज्जैन लाया गया था जिसके बाद से श्री गुमानदेव हनुमान यही विराजमान हैं. पंडित चंदन व्यास ने बताया कि मंदिर में प्रति मंगलवार को विशेष आरती की जाती है.
बाबा गुमानदेव की प्रतिमा अति प्राचीन एवं चमत्कारी है. पूर्व में बाबा गुमानदेव के वृद्ध स्वरूप का दर्शन श्रद्धालुजनों को मंदिर में होता था लेकिन वर्ष 2004 मे बाबा गुमानदेव हनुमान जी ने प्राकृतिक रूप से अपना वृद्ध स्वरूप त्याग कर बाल स्वरूप धारण कर लिया था जिसके दर्शन आज भी श्रद्धालुओं को मंदिर में होते हैं.
व्यास परिवार करता है भगवान की सेवा
मंदिर के पुजारी पं. चंदन व्यास ने बताया हमारे पूर्वज करीब चार हजार साल पहले गुमानदेव हनुमानजी को गुजरात के जगडिया गांव से आमंत्रित कर उज्जैन लाए थे और यहां स्थापित किया था. तब से लेकर आज तक व्यास परिवार यहां नयमित रूप से भगवान की सेवा पूजा करता आ रहा है. पं.व्यास के अनुसार गुमान का अर्थ है घमंड, अर्थात घमंड का नाश करने वाले देवता गुमानदेव हनुमान है.मान्यता है इस मंदिर में सच्चे मन से मुराद मांगने पर भगवान अवश्य ही भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं. गुमानदेव हनुमान का दर्शन समस्त कष्टों से मुक्ति दिलाने वाला बताया गया है.
इस मंदिर की एक और खास बात यह है कि यहां अष्ट चिरंजीवी विराजित है. करीब 30 साल पहले अष्टचिरंजीवी की अष्टधातु की मूर्तियों को मंदिर के परिक्रमा पथ पर विराजित किया गया है. भगवान गुमानदेव हनुमान की प्रदक्षिणा करते हुए भक्तों को महर्षि अश्वस्थामा, महाराजा बली, महर्षि वेदव्यास, महाराजा विभिषण, महर्षिमार्कण्डेय, भगवान परशुराम व महर्षि कृपा चार्य के दर्शन होते हैं.
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FIRST PUBLISHED : October 17, 2023, 10:39 IST