हनीट्रैप में फंस कर भारतीय बना Pak जासूस, यूपी ATS ने किया खुलासा

Meerut :  यूपी  ATS ने रूस के मास्को में भारतीय दूतावास में काम करने वाले हापुड निवासी कर्मचारी को मेरठ में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया है. सत्येंद्र सिवाल नाम का यह कर्मचारी हनी ट्रैप में फंस कर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए काम कर रहा था. बताया जा रहा है, कर्मचारी को एक महिला ने सोशल मीडिया के जरिए दोस्ती कर ‘हनीट्रैप में फंसाया था.  ATS की जानकारी के अनुसार सत्येंद्र 2021 से विदेश मंत्रालय में MTS यानी मल्टी टास्किंग स्टॉफ के तौर पर काम कर रहा था. उसकी तैनाती मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास में है. 

 

मेरठ में ATS निरीक्षक राजीव त्यागी ने बताया कि हापुड जिले के शाहमहिउद्दीनपुर गांव निवासी सतेंद्र सिवाल ने युद्धक विमानों और पनडुब्बियों सहित भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना की हथियार प्रणालियों से संबंधित गुप्त जानकारी साझा की थी.

 

पूजा मेहरा के नाम से बनाई प्रोफाइल 

सिवाल 10 दिनों के लिए  ATS की हिरासत में है और यह अवधि 16 फरवरी को खत्म होगी. त्यागी ने बताया, कि सिवाल पिछले साल उस महिला के संपर्क में आया था, जिसने पूजा मेहरा के नाम से एक  प्रोफाइल बनाई थी. उसने उसे हनीट्रैप में फंसाया और पैसे के बदले गुप्त दस्तावेज साझा करने का लालच दिया.

 

ATS निरीक्षक ने बताया कि, ‘‘सिवाल ने दावा किया है, कि उसने महिला के साथ जो दस्तावेज साझा किए थे, वे अभी भी उसके फोन में हैं. उसके फोन और उसके द्वारा इस्तेमाल किए गए अन्य गैजेट्स की फोरेंसिक टीम जांच की जा रही है. ATS ने इलेक्ट्रॉनिक और भौतिक निगरानी के माध्यम से अपनी जांच में पाया है, कि वह ISI आकाओं के नेटवर्क के साथ भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल था.

 

ATS अधिकारियों ने यह भी बताया कि महिला का सोशल मीडिया अकाउंट पाकिस्तान खुफिया एजेंसी द्वारा संचालित किया जा रहा था. ATS  की मेरठ शाखा ने मॉस्को में भारतीय दूतावास में 2021 से IBSA (भारत स्थित सुरक्षा सहायक) के रूप में कार्यरत सिवाल को चार फरवरी को लखनऊ से गिरफ्तार किया था. सिवाल को भारतीय दंड संहिता की धारा 121-A  (देश के खिलाफ युद्ध छेड़ना) और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 के तहत ATS पुलिस थाना, लखनऊ में उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बाद गिरफ्तार किया गया था.

 

त्यागी के मुताबिक पूछताछ के दौरान, सिवाल संतोषजनक जवाब नहीं दे सका और उसने अपना अपराध ‘कबूल’ कर लिया.  ATS  ने पहले कहा था कि सिवाल पैसे के लिए रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों की रणनीतिक गतिविधियों के बारे में महत्वपूर्ण गोपनीय जानकारी प्रदान कर रहा था.

 

बताया जा रहा है, कि विदेश मंत्रालय ने कहा था कि उसे सिवाल की गिरफ्तारी की जानकारी है और मामले में जांच अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहा है. साथ ही पुलिस ने बताया कि इस बीच, सिवाल के परिवार के सदस्य हापुड स्थित पैतृक गांव के घर को छोड़कर किसी अन्य स्थान पर चले गए हैं.

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