हड्डियां और दांत होने लगे कमजोर तो समझिए 200 को क्रॉस कर गया ब्लड शुगर

High Blood Sugar Increase Bone and Tooth Problems: हाई ब्लड शुगर यानी जब खून में ब्लड शुगर की मात्रा 180 से 200 मिलीग्राम प्रति डेसीलिटर हो जाए तो इसे हाइपरग्लेसीमिया कहते हैं. यह बहुत खतरनाक स्थिति है. इसमें किडनी में एसिड बनने लगता है जो कीटोएसिडोसिस बीमारी में बदल जाती है. मुश्किल यह है कि अधिकांश लोगों को पता ही नहीं होता है कि उसे डायबिटीज है. क्योंकि डायबिटीज के शुरुआती लक्षण बहुत मामूली होते हैं या नहीं होते हैं. इसलिए लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं. पर धीरे-धीरे यह शरीर को खोखला करने लगता है. अगर हाई ब्लड शुगर का इलाज नहीं किया जाए तो हड्डियां, ज्वाइंट और यहां तक कि दांतें कमजोर होने लगते हैं और इसमें इंफेक्शन लगने लगता है. इसलिए सामान्य लक्षण दिखते ही ब्लड शुगर की जांच जरूर कराएं.

ये होती हैं दिक्कतें

मायो क्लिनिक के मुताबिक जब खून में शुगर लेवल 200 के पार हो जाए तो उसे हाइपरग्लेसेमिया (hyperglycemia) कहा जाता है. अगर ऐसी स्थिति आ जाए तो इसमें बार-बार पेशाब लगता है और बार-बार प्यास लगती है. इसके अलावा आंखों से धुंधली दिखाई देने लगती है. बहुत ज्यादा थकान और कमजोरी शरीर में हो जाती है. अगर इसे बिना इलाज किए बहुत दिनों तक छोड़ दिया जाए तो शरीर की नसें प्रभावित होने लगती है और नर्व डैमेज होने लगता है. इसके साथ ही बोन और ज्वाइंट में कई तरह की दिक्कतें होने लगती है. इसके अलावा दांतों और मसूड़ों में इंफेक्शन होने लगता है. इससे दांत कमजोर होने लगते हैं. इसके साथ ही गंभीर स्थिति में हार्ट पर असर पड़ता है और किडनी फेल्योर होने का खतरा भी बढ़ जाता है. कभी-कभी मरीज डायबेटिक कोमा में पहुंच जाता है.

खतरे से बचने के लिए क्या किया जाए

  • 1. जांच कराएं-मैक्स हेल्थकेयर गुड़गांव में वरिष्ठ डायबेटोलॉजिस्ट डॉ. पारस अग्रवाल कहते हैं कि यह सही है कि डायबिटीज के लक्षण शुरुआत में नहीं दिखते लेकिन यदि आपके परिवार में किसी को पहले से डायबिटीज है तो आप 20-25 साल के बाद से ही जांच करानी शुरू कर दीजिए और डॉक्टर से नियमित सलाह लीजिए. इससे इमरजेंसी की स्थिति नहीं आएगी. डायबिटीज की जांच बहुत सस्ती है. खुद भी साल या छह महीने में एक बार जरूर कराएं.
  • 2. परहेज जरूरी-जब यह कंफर्म हो जाए कि आपको डायबिटीज है तो मीठा खाना एकदम सीमित कर दें. अगर 200 से ज्यादा शुगर लेवल है तो बिल्कुल मीठा न खाएं. इसके साथ नमक भी बहुत कम करें. इसके अलावा बाहर की चीजें जैसे फास्ट फूड, जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड, पैकेटबंद चीजों का सेवन एकदम कम कर दें. सिगरेट, शराब तो छूएं भी नहीं.
  • 3. हेल्दी डाइट-डायबिटीज होने के बाद हेल्दी डाइट लें. नियमित रूप से हरी पत्तीदार सब्जियां, मोटा अनाज, साबुत अनाज, ताजे फल, फाइबर वाली चीजें आदि का सेवन करें. जौ, ज्वार, बाजरा, रागी आदि का सेवन बढ़ा दें.
  • 4. नियमित एक्सरसाइज-अगर डायबिटीज है तो नियमित रूप से ब्रिस्क एक्सरसाइज करें. इसके लिए फूर्ति के साथ वॉक करें. साइक्लिंग करें, स्विमिंग करें. जो भी शूट करें, वह करें लेकिन खुद को शारीरिक रूप से गतिशील रखें. मोटापे को किसी भी हाल में न होने दें.
  • 5. पर्याप्त नींद और स्ट्रेस फ्री-पर्याप्त नींद हेल्दी लाइफ के लिए जरूरी है. इसके साथ ही तनाव शरीर में कई तरह के हानिकारक केमिकल को बढ़ा देता है. इसलिए पर्याप्त नींद और तनाव न लें. अगर तनाव हो रहा है तो इसका इलाज करें. योगा, मेडिटेशन आदि से तनाव को कम किया जा सकता है.

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