हड़ताल के बाद काम पर लौटे रोडवेज कर्मचारी, 24 घंटे में झुकी सरकार, कानून पर फिलहाल लगी रोक

अंजलि सिंह राजपूत/लखनऊ : नए हिट एंड रन कानून को लेकर लखनऊ में पिछले दो दिनों से चल रही रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल आखिरकार तीसरे दिन यानी बुधवार को खत्म हुई. बसों का संचालन शुरू हुआ. यात्रियों को राहत मिली और पिछले दो दिनों से जो लोग बस अड्डे पर ही अटके हुए थे उन्हें भी अपने घर जाने का मौका मिल सका.

यही नहीं केंद्र सरकार की ओर से इस कानून पर फिलहाल रोक लगाने और लागू न करने से कर्मचारियों के चेहरे पर मुस्कान भी नजर आई है. उत्तर प्रदेश रोडवेज कर्मचारी संघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी रजनीश मिश्रा ने कहा कि किसान आंदोलन एक साल तक चला था, उसके बाद सरकार झुकी थी लेकिन रोडवेज कर्मचारियों ने अपनी ताकत दिखा दी और 24 घंटे के बाद ही सरकार को उसके फैसले पर रोक लगाने पर मजबूर कर दिया.

सरकार वापस ले कानून वरना…
मीडिया प्रभारी रजनीश मिश्रा ने बताया कि इस कानून से रोडवेज कर्मचारियों को बड़ा नुकसान हो रहा था क्योंकि 10 साल की सजा और 7 लाख रुपए कोई भी कर्मचारी नहीं दे सकेगा. हमारी मांग है कि गृहमंत्री अमित शाह और केंद्र सरकार को यह कानून पूरी तरह से वापस ले लेना चाहिए, इसे लागू नहीं करना चाहिए. अगर यह कानून कुछ वक्त बाद लागू किया गया तो रोडवेज कर्मचारी और सभी बस चालक और ट्रक चालक अनिश्चितकालीन हड़ताल कर सकते हैं.

बढ़ जाती पुलिस की मनमानी
रजनीश मिश्रा ने यह भी कहा कि इस कानून में 10 साल की सजा और 7 लाख रुपए का जुर्माना तो बड़ा मुद्दा है ही साथ में जो पुलिस को ताकत देगी दे दी गई है कि बिना वारंट के ही तुरंत गिरफ्तार करके चालक के खिलाफ कार्रवाई करने की इससे भी पुलिस प्रताड़ना बहुत बढ़ सकती है. कानून लागू होने के बाद पुलिस अपनी मनमानी करेगी और इसीलिए इस कानून पर रोक लगाना जरूरी है.

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