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स्वामी विवेकानंद जब अल्मोड़ा आए थे तब लाल बद्री साह ने स्वामी विवेकानंद को रोकने का न्योता दिया था. सबसे पहले 30 और 31 अगस्त 1890 में स्वामी विवेकानंद कुछ दिनों के लिए यहां पर रुके थे. उसके बाद 11 में 1897 में वह दोबारा रुके थे. स्वामी जी से जुड़ी इस भवन में कई चीज देखने को मिलती हैं. जिसमें उनका खड़ाऊं, लैंप, पंखा, दवात, उनके द्वारा लिखे गए लेटर आज भी यहां पर संजोकर रखे गए हैं.