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प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि भारत के साथ-साथ कई अन्य देशों को 75 साल पहले औपनिवेशिक शासन से आजादी मिल गई थी, लेकिन उनमें से कई वास्तविक स्वशासन को प्राप्त करने में असमर्थ रहे, जबकि भारत अपने लोकतंत्र को बनाए रखने में सक्षम रहा।
भारत के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को यहां कहा कि सोशल मीडिया के बढ़ते दायरे और समुदायों में बढ़ती असहनशीलता की वजह से दुनियाभर में ध्रुवीकरण बढ़ रहा है और भारत इससे अछूता नहीं है।
जमनालाल बजाज पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि भारत की बहुलवादी संस्कृति और ‘‘बातचीत का माहौल’’ इसे कई उन देशों से अलग बनाता है, जिन्हें उसी अवधि में स्वतंत्रता मिली थी लेकिन वे लोकतंत्र को कायम नहीं रख सके।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि भारत के साथ-साथ कई अन्य देशों को 75 साल पहले औपनिवेशिक शासन से आजादी मिल गई थी, लेकिन उनमें से कई वास्तविक स्वशासन को प्राप्त करने में असमर्थ रहे, जबकि भारत अपने लोकतंत्र को बनाए रखने में सक्षम रहा।
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