सोशल मीडिया की ‘विषाक्तता’ से बचाने में कृत्रिम मेधा का इस्तेमाल होः चंद्रशेखर

सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बुधवार को कहा कि सोशल मीडिया में झलक रही विषाक्तता और इसे हथियार बनाने की प्रवृत्ति पर काबू पाना चाहिए और कृत्रिम मेधा (एआई) को अच्छाई, सुरक्षा एवं भरोसे का प्रतिनिधि बनाने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।

चंद्रशेखर ने लंदन से सटे बकिंघमशायर में आयोजित ‘एआई सुरक्षा सम्मेलन’ के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार आर्थिक वृद्धि को गति देने वाली ताकत के तौर पर नवोन्मेषी प्रौद्योगिकी को बढ़ावा दे रही है।

उन्होंने भारत में पहले से ही बढ़ रही डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए एआई को ‘गतिशील सहयोगी’ बताते हुए कहा कि अब प्रौद्योगिकी मंचों के लिए जवाबदेही बढ़ाने का वक्त आ गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकारों ने पिछले 10-15 वर्षों में देखा है कि नवाचार को नियमन से आगे जाने की अनुमति देकर हम विषाक्तता, गलत सूचना एवं हथियार की तरह इस्तेमाल होने का मौका दे देते हैं। आज इंटरनेट के दौर में सोशल मीडिया पर यह दिखाई दे रहा है। हम इस बात पर सहमत हो सकते हैं कि आने वाले समय में एआई के लिए हमें ऐसी स्थिति के बारे में नहीं सोचना चाहिए।’’

चंद्रशेखर ने डिजिटल अर्थव्यवस्था की दिशा में भारत के प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘हम निश्चित रूप से चाहते हैं कि एआई और व्यापक इंटरनेट एवं प्रौद्योगिकी अच्छाई, सुरक्षा एवं विश्वास को प्रदर्शित करे। इसके लिए सोशल मीडिया मंचों एवं नवोन्मेषकों को उपयोगकर्ताओं के प्रति कानून के तहत व्यापक जवाबदेही दिखानी होगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



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