सोमनाथ के करीब मेगा डिमोली​शन, सरकारी जमीन 175 कच्चे घरों को गिराया गया

द्वारका के बाद अब सोमनाथ में भी सरकार की ओर से भारी तोड़फोड़ की गई है.सोमनाथ महादेव मंदिर के पास समुद्र किनारे विशाल सरकारी स्थल पर सदियों पुराने दबाव को हटाने के लिए आज सुबह से ही तोड़फोड़ शुरू कर दी गई है. प्रभारी जिला अपर समाहर्ता के. वी बती के नेतृत्व में 05 मामलतदार, 30 उप मामलतदार, 12 राजस्व कलेक्टर, 18 क्लर्क और नौ राजस्व कर्मचारी दबाव राहत कार्यों में लगे हुए थे. जिला कलेक्टर एच.के.वधवानिया और जिला पुलिस अधीक्षक मनोहर सिंह जाडेजा ने दबाव में आकर वहां का दौरा किया. इस अवसर पर जिला कलक्टर एच.के.वाधवानिया ने मीडिया को बताया कि सोमनाथ महादेव मंदिर के पास समुद्र तट पर स्थित राजस्व  सर्वेक्षण संख्या 1852 में 3 हेक्टेयर क्षेत्र पर कच्चे मकानों का अतिक्रमण है.

अनाधिकृत दबाव को दूर करने के लिए तंत्र द्वारा अनुनय-विनय एवं मानवीय कार्रवाई के तहत पूर्व में इन दबाव बनाने वालों के साथ बैठकें की गईं और इतना ही नहीं, दबाव बनाने वालों के घरों को तोड़ने सहित समान परिवहन के लिए ट्रैक्टरों की व्यवस्था भी की गई. 

तोड़फोड़ के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए पुलिस व्यवस्था को भी सतर्क कर दिया गया था. जिला पुलिस अधीक्षक मनोहर सिंह जाडेजा ने बताया कि इस बड़ी तोड़फोड़ के मामले में 02 एसआरपी कंपनियों और करीब 500 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान प्रशासनिक एवं पुलिस तंत्र की संवेदनशीलता देखने को मिली. विध्वंस के कारण विस्थापित हुए परिवारों के प्रति राजस्व एवं पुलिस तंत्र का मानवीय रवैया मौके पर देखने को मिला. जिसमें प्रशासनिक विस्थापित परिवारों और सामान को अन्य स्थानों पर ले जाने के लिए प्रशासन द्वारा ट्रैक्टर सहित वाहन उपलब्ध कराए गए थे. व्यवस्था द्वारा विस्थापित परिवार के सदस्यों और बच्चों के लिए भोजन भी दिया गया

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