ओम प्रकाश निरंजन/ कोडरमा. झारखंड के कोडरमा जिले के तिलैया डैम में स्थापित सैनिक स्कूल तिलैया अपनी स्थापना का हीरक जयंती मना रहा है. स्थापना के इस 60 वर्ष को मनाने के लिए आगामी 16 सितंबर को बड़े आयोजन की तैयारी की जा रही हैं. आयोजन में झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे. इस बीच इस विद्यालय की अपनी गौरव गाथा है.
झारखंड राज्य का एक मात्र सैनिक स्कूल होने के कारण यहां दाखिला लेना सैन्य सेवा में जाने के इच्छुक बच्चों के लिए पहली पसंद होती है. विद्यालय में देश सेवा का जज्बा लिये कैडेट आते हैं और यहां से दक्ष होकर अलग-अलग सेक्टर में परचम लहरा रहे हैं. वैसे विद्यालय से अब तक 800 से अधिक सैन्य छात्र निकल चुके हैं.भारत-चीन युद्ध के बाद प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को लगा था कि हमारी रक्षा व्यवस्था चुस्त और दुरुस्त बने, इसके लिए हर राज्य में ऐसे स्कूलों की कल्पना की, जो प्रत्येक छात्र में शिक्षा के साथ-साथ सैन्य मानसिकता का भी संचार करें.
भारत चीन युद्ध के बाद हुई स्थापना
इसी भावना के साथ तत्कालीन रक्षा मंत्री वीके कृष्णमेनन ने सैनिक स्कूलों की स्थापना का सफर शुरू किया था. बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री केबी सहाय व संस्थापक प्राचार्य लेफ्टिनेंट कर्नल एलइजी स्मिथ के प्रयास से 16 सितंबर 1963 को सैनिक स्कूल तिलैया की नींव रखी गयी थी. तब सीमित संसाधनों और बहुत कम शिक्षक व कर्मी थे. यह विद्यालय पिछले 60 वर्षों से उच्च माध्यमिक शिक्षा का प्रकाश स्तंभ बना हुआ है.
स्कूल को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी परीक्षा में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए दो बार रक्षा मंत्री ट्रॉफी और लगातार शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए अन्य कई बार रक्षा राज्य मंत्री मेरिट प्रमाण पत्र से सम्मानित किया जा चुका है. स्थापना के बाद से स्कूल ने 800 से अधिक ऐसे सैन्य छात्र तैयार किये हैं, जिन्होंने सीधे तौर पर राष्ट्रीय रक्षा अकादमी की मेधा सूची में नाम लिखाया है.
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FIRST PUBLISHED : September 14, 2023, 19:50 IST