सत्यम कटियार/फर्रुखाबादः जब किसी व्यक्ति के हौसले बुलंद होते हैं, तो वह किसी भी काम को मुश्किल नहीं मानता और सब कुछ हासिल कर सकता है. हौसला और संघर्षशीलता का महत्व अत्यधिक होता है जब किसान या किसी अन्य क्षेत्र में काम किया जा रहा है, खासकर जब मौसम की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. फर्रुखाबाद के बबलू राजपूत ने मौसमी फसलों की पैदावार करने के लिए अपने हौसले और मेहनत से एक महत्वपूर्ण उदाहरण प्रस्तुत किया है. सेब की पैदावार को संभव करने में उनका संघर्ष और प्रयासों का परिणाम है, और इससे वह खुद को सफलता की ओर बढ़ते हुए दिखा रहे हैं.
जिला फर्रुखाबाद में आलू उत्पादन के मामले में किसानों का बड़ा पर्याप्त रुझान है. यहां के किसान प्रतिवर्ष लाखों रुपए के आलू में नुकसान का सामना कर रहे हैं, जिसके कारण वे अपनी पुश्तैनी खेती को छोड़ने की सोच रहे हैं. इस संकट से निकलने के लिए किसान बबलू राजपूत ने एक नया विकल्प प्रस्तुत किया है, जिससे किसान अब बागवानी में भी अधिक उत्पादन करके लाभ कमा सकते हैं.
‘जिलाधिकारी से मिली प्रेरणा’
किसान बबलू राजपूत ने जिलाधिकारी से प्रेरणा लेकर बागवानी की ओर मोड़ दिया है, और उन्हें इससे बेहतर लाभ प्राप्त हो रहा है. कृषि विभाग भी इस नए उत्पादन में सहयोग कर रहा है, और अन्य किसान भी अब इस खेती की जानकारी प्राप्त करने के लिए जिले में आ रहे हैं. किसान के अनुसार, पिछले वर्ष फरवरी में उन्होंने 175 पेड़ सेब, 500 पेड़ अंजीर के साथ-साथ 5 पेड़ बादाम और 5 पेड़ नारियल लगाए थे. शुरुआत में पेड़ छोटे थे, लेकिन वे प्रति किलोग्राम 120 रुपया की बिक्री से करीब सत्तास हजार रुपये का लाभ प्राप्त करने में सफल रहे.
अन्य जिलों से भी आ रही है भारी मांग
छोटे पेड़ों के बावजूद, प्रत्येक पौधे में 50 से 350 तक फल आये. इसके अलावा, जनपद फर्रुखाबाद के साथ-साथ अन्य जिलों से भी भारी मांग आ रही है, जैसे कि बाराबंकी, बांदा, और लखनऊ, और स्थानीय खुदरा व्यापारी भी इस उत्पादन को लेकर संपर्क कर रहे हैं. इसका यह मतलब है कि बगीचों के उत्पादन की मांग बढ़ रही है और किसानों के लिए यह एक बड़ा लाभप्रद विकल्प हो सकता है.
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FIRST PUBLISHED : September 03, 2023, 14:48 IST