मुंबई10 मिनट पहले
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अब निवेशक को किसी REITS के तहत आने वाले रियल एस्टेट में हिस्सा भी मिल सकेगा। सिक्योरिटी एक्सचेंज एंड बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने यह फैसला शनिवार, 25 नवंबर को 203वीं मीटिंग में लिया। इसके अलावा सेबी ने माइक्रो, स्मॉल, मीडियम REITS के नियमों को भी मंजूरी दे दी है।
मीटिंग में सोशल स्टॉक एक्सचेंज के नियमों को भी आसान कर दिया गया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसमें हिस्सा ले सकें और ज्यादा से ज्यादा NGOs इसके जरिए पैसा जुटा सकें। हालांकि, सेबी ने डीलिस्टिंग के नियमों में बदलाव पर कोई फैसला नहीं लिया।
सोशल स्टॉक एक्सचेंज के नियम बदले
सेबी ने सोशल स्टॉक एक्सचेंज के नियमों में बदलाव को मंजूरी दे दी है। अब गैर सरकारी संस्थाएं (NGOs) सोशल स्टॉक एक्सचेंज से कम से कम 50 लाख रुपए तक जुटा सकेंगीं। पहले ये लिमिट 1 करोड़ रुपए थी। इन्वेस्टर्स के लिए भी नियम आसान किए हैं। अब सोशल स्टॉक एक्सचेंज के जरिए इन्वेस्टमेंट की लिमिट को 10,000 रुपए कर दिया गया है। पहले ये लिमिट 2 लाख रुपए थी।
सेबी ने MSM यानी माइक्रो, स्मॉल, मीडियम REITS के नियमों में भी बदलाव किया है। इसके तहत छोटे और मंझोले REITs के लिए न्यूनतम AUM को 50 करोड़ रुपए कर दिया गया है। पहले ये लिमिट कम से कम 500 करोड़ रुपए थी। साथ ही सेबी ने आज MSM REITS में नए फ्रैक्शनल ओनरशिप के नियम को भी मंजूरी दी है। नए नियमों के अनुसार, इन्वेस्टर किसी REITS के तहत आने वाले रियल एस्टेट में हिस्सा भी मिल सकता है।