सौरभ वर्मा/रायबरेली: रायबरेली जिले कस्बा शिवगढ़ के रहने वाले मोहम्मद रिजवान का सेना मे जाने का सपना था, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति सही न होने के चलते वह कक्षा आठ तक ही पढ़ाई कर सके. आगे की पढ़ाई के लिए उनके पास पैसे नहीं थे. क्योंकि उनके पिता दिहाड़ी मजदूरी करके बमुश्किल परिवार का भरण पोषण करते थे. फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी. अपनी मेहनत व लगन के बल पर कुछ ऐसा किया, जो आज लोगों के लिए मिसाल बन गया है.
दरअसल, रिजवान ने गांव के ही एक युवक से मुर्गी पालन के बारे में जानकारी प्राप्त की. उसके बाद उसने बैंक से लोन लेकर अपनी दस बिस्वा जमीन पर पोल्ट्री फार्म बनाकर मुर्गी पालन का काम शुरू किया. आज वह मुर्गी पालन का काम कर सालाना लाखों रुपए की कमाई कर रहा है. रिजवान के मुताबिक वह बीते 8 वर्षों से यह कार्य कर रहा है.
कम लागत में अधिक मुनाफा
मोहम्मद रिजवान बताते हैं कि गांव के युवक से मुर्गी पालन के बारे में जानकारी लेकर मुर्गी पालन का काम शुरू किया. इस कार्य में 60 से 70 हजार रुपए की लागत आती है और वहीं लागत के सापेक्ष सालाना तीन से चार लाख रुपए तक आसानी से मुनाफा हो जाता है. वहीं इनकी बिक्री के लिए उन्हें कहीं जाना भी नहीं पड़ता क्योंकि ऑनलाइन माध्यम से मोबाइल के जरिए ही इनकी बिक्री हो जाती है. खरीदार मुर्गी फार्म से खरीद ले जाते हैं. जिससे उनके आवागमन का खर्च भी बच जाता है.
मुर्गियों को स्वस्थ रखना बेहद जरूरी
एक बार मुर्गी लाने के बाद 20 महीने तक कारोबार होता है. शुरुआती चार महीने तक मुर्गी के चूजे को पालकर बड़ा करना होता है. मुर्गी चौथे महीने से अंडा देना शुरू कर देती है. जब मुर्गी अंडा देना बंद कर देती है तो उसे बेच दिया जाता है. साथ ही मुर्गी का दाना और अपशिष्ट को खाद के रूप में बेचकर तिगुना मुनाफा कमाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि मुर्गी की देखभाल करना बेहद जरूरी है. साफ-सफाई पर ध्यान नहीं रखा तो बीमारी का खतरा बढ़ जाता है.
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FIRST PUBLISHED : March 8, 2024, 16:40 IST