सूर्य ने किया कन्या में गोचर, चांद आया धरती के करीब, दिन और रात पर पड़ेगा ये असर

अनुज गौतम/सागर. सूर्यदेव की स्थिति दक्षिणायन होने जा रही है, इसके प्रभाव से 23 सितंबर को दिन और रात बराबर हो जाएंगे. इसके बाद से दिन छोटे और रातें लंबी होनी शुरू हो जाएंगी. यही स्थिति 21 मार्च को भी होती है. तब दिन लंबे और रातें छोटी होती हैं. सागर के डॉ हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय ज्याग्रॉफी डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर राकेश सैनी ने बताया कि 21 मार्च और 23 सितंबर को पृथ्वी की भूमध्य रेखा बिल्कुल सूर्य के सामने होती है, जिससे दिन और रात बराबर हो जाते हैं.

उन्होंने आगे बताया कि ब्रह्मांड में पृथ्वी अपने निर्धारित कक्ष में चक्कर लगाती है. 24 सितंबर से 22 दिसंबर तक प्रतिदिन 1 मिनट 30 सेकंड की दर से दिन की लंबाई घटने लगती है और रात की लंबाई भी इतनी ही बढ़ने लगती है. इसके बाद सर्दियों के आने की आहट शुरू हो जाती है.


ऐसे होते हैं दिन और रात

दिन और रात का बनना पृथ्वी का अपनी दूरी पर चक्कर लगाने की वजह से होता है, उसकी एक और गति होती है, जो सूर्य को केंद्र मानकर उसके चारों तरफ घूमती है. जिसे रेबुलेशन (परिभ्रमण) कहते हैं. इस रेबुलेशन की वजह से वह 365 दिन में एक पूरा चक्कर लगाती है. इस दौरान ये स्थितियां बनती हैं. जिसमें सूर्य को केंद्र माने तो विंटर के समय ऐसी स्थिति होती है, जब पृथ्वी सूर्य के सबसे नजदीक होता है. जून के समय में ऐसी स्थिति होती है, जब पृथ्वी सूर्य से सबसे अधिक दूरी पर होती है.

ये है ऋतु परिवर्तन का संकेत
ज्योतिषशास्त्री पं. शिवम महाराज के अनुसार सूर्य ग्रह की भूमिका मौसम के परिवर्तन में अहम मानी गई है. सूर्य को सभी ग्रहों का राजा माना गया है. पंचांग के अनुसार अधिकांशतः 23 सितंबर तक सूर्यदेव कन्या राशि में गोचर कर जाते हैं. इसके अलावा चंद्रमा भी पृथ्वी के काफी नजदीक आ जाते हैं, जो सर्दी यानी शरद ऋतु के आरंभ होने का संकेत होता है.

चंद्रमा का धनु राशि में प्रेवश
इस बार अधिकमास के कारण सूर्य की गति आगे-पीछे हो गई है. 18 सितंबर को सूर्य कन्या राशि में प्रवेश कर गए हैं. इस साल के पंचांग के अनुसार 23 सितंबर को भादों मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है. इस दिन चंद्रमा धनु राशि में गोचर कर रहा है. इसी दिन मूल नक्षत्र रहेगा. सूर्य कन्या राशि में ही विराजमान रहेंगे. इसलिए 23 सितंबर से दिन छोटा और रात बड़ी होने लगेगी.

 22 दिसंबर और 21 जून भी अहम
22 दिसंबर और 21 जून की तारीख भी खगोलशास्त्र में बहुत महत्वपूर्ण मानी गई है. दरअसल 21 जून को पृथ्वी सूर्य से सबसे अधिक दूरी पर होती है. लेकिन इसके विपरीत 22 दिसंबर के दिन सूर्य से पृथ्वी की दूरी न्यूनतम होती है.

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