सूर्य और शनि की अगर कुंडली में हो युति तो पिता-पुत्र में होती रहेगी अनबन! तुरंत करें ये उपाय

भरत तिवारी/जबलपुर: कई बार पिता-पुत्र में नहीं बनती. कुछ घरों में तो पिता-पुत्र के झगड़े चरम पर पहुंच जाते हैं. ज्योतिष शास्त्र की मानें तो पिता-पुत्र के झगड़े के पीछे दो बड़े ग्रह विशेष कारण होते हैं. यदि किसी जातक की कुंडली में सूर्य और शनि की युति हो तो पिता-पुत्र में अनबन का होना पाया गया है. यदि यही युति कुंडली के दसवें भाव में हो गई, तब तो अनबन बड़े विवाद का रूप ले लेता है.

ज्योतिषाचार्य राधा मोहन तिवारी के मुताबिक, कुंडली में दसवां घर पिता का होता है. अगर दसवें भाव में सूर्य और शनि की युति बन रही है तो आपके घर में पिता और पुत्र में किसी न किसी कारणवश अनबन बनी रहेगी. संपत्ति को लेकर पिता-पुत्र में विवाद या फिर खटास रहेगी. आगे बताया कि सूर्य देव को सभी ग्रहों का देवता माना जाता है, साथ ही शनिदेव न्याय के देवता हैं. छाया पुत्र शनि सूर्यदेव के ही पुत्र हैं.

पौराणिक कथाओं के अनुसार, शनिदेव के श्राप के कारण एक बार सूर्यदेव का प्रकाश क्षीण हो गया था, जिसे हम आज सूर्यग्रहण के नाम से जानते हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार, सूर्य और शनि देव पिता-पुत्र हैं, लेकिन उनके संबंधों में हमेशा अनबन रहती है. यहीं वजह है कि जिस जातक की कुंडली में इन दोनों ग्रहों की युति होती है, वहां पिता-पुत्र में अनबन की स्थिति बन जाती है.

करें ये उपाय.
1. ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, अगर किसी भी घर में पिता-पुत्र में अनबन है तो ऐसे जातक प्रत्येक शनिवार शनिदेव को शाम के वक्त सरसों का तेल चढ़ाएं. कुछ ही समय बाद आपको घर में हो रही पिता-पुत्र की कलह की जगह सामंजस्य देखने को मिलेगा.

2. पिता-पुत्र के संबंधों में खिंचाव दिख रहा है तो ऐसे जातक प्रत्येक मंगलवार बजरंगबली के सामने बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करे. ऐसा करने से पिता पुत्र के बीच अच्छे संबंध स्थापित होंगे.

3.अगर कोई उपाय न काम करे तो आप ऐसे मंदिर में जाएं, जहां पर महादेव और श्रीगणेश एक साथ विराजित हों. वहां जाकर आप महादेव और श्रीगणेश की आराधना करें. आपको आपके पिता या पुत्र के बीच हो रही अनबन में परिवर्तन देखने को मिलेगा.

Tags: Astrology, Jabalpur news, Local18, Shanidev

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *