सूर्य और चंद्र ग्रहण पर करें ये उपाय, नहीं होगी धन की कमी, इंदौर के ज्योतिषी से जानें सब

अभिलाष मिश्रा/ इंदौर.साल का दूसरा सूर्य ग्रहण सर्वपितृ अमावस्या के दिन लगने जा रहा है. वहीं साल का दूसरा चंद्र ग्रहण शरद पूर्णिमा को होने वाला है. सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण का भारत में क्या प्रभाव होने वाला है. इन दोनों ग्रहणों के समय लोगों को क्या उपाय करने चाहिए ?. जिससे इन दोनों ग्रहणों का शुभ फल व्यक्ति को अपने जीवन में प्राप्त हो सके. साथ इन ग्रहणों की भारत में समय अवधि क्या होने वाली है. आईए जानते हैं इन सारे प्रश्नों का उत्तरइंदौर के प्राचीनतम शनि मंदिर के मुख्य पुजारी, ज्योतिष मर्मज्ञ और ज्योतिष विशेषज्ञ से पंडित नीलेश तिवारी से.

ज्योतिषाचार्य नीलेश तिवारी ने  कहा कि 15 दिन के अंतराल में दो ग्रहण लगने वाले हैं. जिनमें 14 अक्टूबर यानी सर्वपितृ अमावस्या को सूर्य ग्रहण लगने वाला है. वही 29 अक्टूबर को यानी शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लगने वाला है. यद्यपि सूर्य ग्रहण भारत में दृश्य मान नहीं होगा. फिर भी इस ग्रहण को ध्यान में रखते हुए हमें कुछ उपाय जरूर करने चाहिए. वही चंद्र ग्रहण पूर्ण रूप से भारत में दृश्यमान होगा. जिसका सूतक काल भी भारत में माना जाएगा.

सूर्य ग्रहण कब से कब तक, क्या करें उपाय
भारतीय समय के अनुसार सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर की रात को करीब साढ़े आठ बजे से शुरू होगा. जिसका समापन रात 2 बजकर 25 मिनट पर होगा. साल का यह आखिरी सूर्यग्रहण अमेरिका और अफ्रीका के हिस्सों में दिखाई देगा. जिसका कोई सूतक भारत में मान्य नहीं होगा. यद्यपि इस दिन सूर्य भगवान की आराधना करनी चाहिए. सूर्य भगवान के अलावा भगवान गणपति, मां काली या मां कात्यायनी की आराधना शुभ फल देने वाली है. पूर्वाभिमुख होकर बैठ जाए और एक दीपक जला लें. साथ में माला लेकर गुरु से प्राप्त मंत्र का जाप करें. तो यह ग्रहण आपके लिए मंगलकारी हो जाएगा. किसी भी ग्रहण के बाद दान बड़ा महत्वपूर्ण होता है. इसलिए ग्रहण के बाद किसी जरूरतमंद को या किसी मंदिर में जाकर सीधा (अन्न ) दान करने से ग्रहण का पूर्ण फल प्राप्त होता है. साथ ही ग्रहण के बाद गंगाजल से छिड़काव कर पूरे घर को पवित्र भी कर सकते हैं. यह सभी उपाय करने से आपके दोष और दुख और संकट कटेंगे. साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि और धन-धान्य की वर्षा होगी.

चंद्र ग्रहण कब से कब तक क्या करें उपाय
उन्होंने बताया की साल का दूसरा चंद्र ग्रहण सूर्य ग्रहण के 15 दिन के बाद यानि 29 अक्टूबर को लगेगा. चंद्रमा मन के कारक हैं. ग्रहण की अवधि में चंद्रमा से आने वाली विकिरण हम तक नहीं पहुंच पाती हैं. इस दिन रात 1:05 मिनट पर चंद्र ग्रहण लगेगा जो 2:24 मिनट पर समाप्त हो जाएगा. लगभग 1 घंटे 20 मिनट की अवधि में यह ग्रहण भारत में नजर आएगा. यह ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा. चंद्र ग्रहण का सूतक काल भी पूर्ण रूप से मान्य होगा. चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले शुरु हो जाता है इसीलिए 28 अक्टूबर की शाम 4 बजे से ही सूतक काल शुरु हो जाएगा. इस दौरान एकमात्र उपाय यह है की मन ही मन अपने इष्ट भगवान का ध्यान करें और अपने ईष्ट के मंत्र का स्मरण करें. इस ग्रहण को अपनी आंखों से बिल्कुल ना देखें. इस बात का विशेष ध्यान रखना है. चंद्र ग्रहण की अवधि में किसी धार्मिक स्थान या किसी मंदिर में बैठकर भगवान का स्मरण कर सकते हैं. वहीं चंद्र ग्रहण के समय सफेद चीजें जैसे चावल, दूध, दही, सफेद कपड़ा, मिठाई आदि चीजों का दान करना शुभ माना गया है. माता लक्ष्मी का हमेशा आशीर्वाद बना रहे, इसके लिए चांदी का एक टुकड़ा, दूध और गंगाजल में मिलाकर चंद्र ग्रहण के समय चंद्रमा की छाया में रख दें. ग्रहण जब खत्म हो जाए तब उसे अगले दिन इस टुकड़े को उठा लाएं और तिजोरी में रख दें. मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में कभी धन की समस्या नहीं होती और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद हमेशा बना रहता है.

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