Science News: पृथ्वी का तापमान हर साल बढ़ रहा है. नौबत यहां तक आ गई है कि पृथ्वी इतिहास में अपने सबसे गर्म प्वाइंट पर है. गर्मी के रिकॉर्डतोड़ आकंड़ों ने वैज्ञानिकों को सोचने पर मजबूर कर दिया है. ग्लोबल वार्मिंग से बचने के लिए देश-दुनिया के तमाम वैज्ञानिक हर बारीकियों को ध्यान में रखकर योजना बनाने में लग गए हैं. वैज्ञानिकों ने सूरज से निकलने वाली रेडिएशन से बचने के लिए अंतरिक्ष में विशाल छाता इंस्टाल करने के आइडिया पर भी काम शुरू कर दिया है.
कमाल का आइडिया
अब आप सोच रहे होंगे कि इतना बड़ा छाता अंतरिक्ष में जाएगा कैसे? बता दें कि यहां एक ऐसे विशालकाय सनशेड की बात हो रही है, जिसे पृथ्वि और सूरज के बीच इंस्टाल किया जा सके. अंतरिक्ष में इसे सूर्य से उचित दूरी पर इंस्टाल किया जाए, जिससे कुछ लेकिन महत्वपूर्ण मात्रा में सूर्य की रेडिएशन को पृथ्वि पर आने से रोका जा सके.
1.5C तक कम होगा पृथ्वि का टेंपरेचर
इस आइडिया पर वैज्ञानिकों का आकलन है कि अगर सूर्य से निकलने वाली रेडिएशन की 2% मात्रा को भी कम किया जा सकेगा तो ग्रह (पृथ्वि) को 1.5C तक ठंडा करने में कामयाबी मिल सकती है. जैसे-जैसे क्लाइमेट चेंज की समस्या गहराती जा रही है वैसे-वैसे इस सन शेड के आइडिया में वैज्ञानिकों की दिलचस्पी बढ़ती जा रही है.
वैज्ञानिकों का सुझाव
मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की एक टीम सोलर रेडिएशन को रोकने के लिए “अंतरिक्ष बुलबुले” से बनी ढाल बनाने पर विचार कर रही है. पिछले साल हवाई यूनिवर्सिटी में इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोनॉमी के वैज्ञानिक इस्तवान सज़ापुडी ने एक पेपर पब्लिश किया था, जिसमें एक बड़े सनशेड को एक क्षुद्रग्रह से बांधने का सुझाव दिया था.
अर्जेंटीना के आकार का सनशेड!
अब टेक्नियन-इजराइल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और एशर स्पेस रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक योरम रोज़ेन और उनकी टीम का कहना है कि वे यह (अंतरिक्ष छतरी) दिखाने के लिए एक प्रोटोटाइप बनाने के लिए तैयार हैं कि यह विचार काम करेगा या नहीं. रोज़ेन ने कहा कि सूर्य से निकलने वाली रेडिएशन की जरूरी मात्रा रोकने के लिए इस सनशेढ का आकार लगभग 1 मिलियन वर्ग मील (1 million square miles) होना चाहिए, जो लगभग अर्जेंटीना के आकार का होगा.
वजन कम से कम 2.5 मिलियन टन
उन्होंने कहा कि इतने बड़े सनशेड का वजन कम से कम 2.5 मिलियन टन होगा. जिसे अंतरिक्ष में इंस्टाल करना बेहद मुश्किल होगा क्योंकि यह बहुत वजनी होगा. उन्होंने सुझाव दिया कि इसमें छोटे रंगों की एक सीरीज शामिल करनी होगी. जिससे सूरज की रोशनी पूरी तरह ब्लॉक तो नहीं होगी लेकिन बिखरी हुई छाया पृथ्वि पर आएगी. रोजेन ने कहा कि उनकी टीम 100 वर्ग फुट (100 square feet) का प्रोटोटाइप शेड डिजाइन करने के लिए तैयार है. इसे तैयार करने के लिए $10-$20 मिलियन का खर्च आ सकता है.