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उन्होंने कहा यह चौपाई है ”सो सब तव प्रताप रघुराई… नाथ न कछू मोरि प्रभुताई” चौपाई की व्याख्या समझाते हुए कहा, हनुमानजी से सीखिए कि छोटा सा बन कर बड़े-बड़े काम कैसे कर दिए. और हम लोग हैं कि छोटे से काम करके बड़ा बनना चाहते हैं. हनुमानजी इतना बल, बुद्धि, विवेक, यश, प्रताप पाकर भी पूछने पर कहते हैं कि मुझमें कोई शक्ति नहीं, यह सब प्रभु श्रीराम का प्रताप है.