सूक्ष्म सिंचाई योजना किसानों के लिए है कारगर, 50 फीसदी जल और उर्वरक की भी बचत

दिलीप चौबे/कैमूर : बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है. यहां की अधिकांश आबादी कृषि पर ही निर्भर है. खेती को सुगम बनाने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है. इसी में से एक हैं सूक्ष्म सिंचाई योजना. इस योजना के जरिए किसानों की पटवन की समस्या को दूर करने का प्रयास है. सरकार इस पर अनुदान भी दे रही है.

उद्यान पदाधिकारी सूरज पांडेय ने बताया कि सूक्ष्म सिंचाई योजना के तहत हर खेत तक सिंचाई के लिए पानी पहुंचाने को लेकर किसानों को व्यक्तिगत नलकूप योजना का लाभ दिया जा रहा है. इसके लिए कैमूर जिला के वैसे किसान जो सूक्ष्म सिंचाई ( ड्रिप,मिनी स्प्रिंकलर, माइक्रो स्प्रिंकलर) पद्धति से फसलों की सिंचाई करेंगे, उन्हें व्यक्तिगत नलकूप योजना का लाभ दिया जाएगा.

लघु व सीमांत किसानों को 80 फीसदी तक मिलेगा अनुदान
उद्यान पदाधिकारी सूरज पांडेय ने बताया कि सूक्ष्म सिंचाई के लिए लघु व सीमांत किसानों को 80 फीसदी अनुदान और बड़े रैयतदार किसानों को 70 फीसदी अनुदान देने का प्रावधान है. साथ हीं बोरिंग करने के लिए अधिकतम 40 हजार अनुदान दिया जाएगा. इसमें किसानों को 160 फीट तक बोरिंग करानी होगी. इसके अलावा किसान समरसेबल डालना चाहते हैं तो 25 हजार बोरिंग के लिए और 15 हजार मोटर के लिए दिया जाएगा. इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान उद्यान विभाग के वेबसाइट horticulture.bihar.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.

सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली से 50 प्रतिशत तक जल की होती है बचत
उद्यान पदाधिकारी सूरज पांडेय ने बताया कि इस योजना कामुख्य उद्देश्य यही है कि किसानों को कम लागत में अधिक पैदावार मिले. साथ ही सिंचाई के दौरान पानी की बचत हो और ग्राउंड वाटर लेवल बना रहे. इससे जल उपयोग की क्षमता को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही उन्नत तकनीक से सिंचाई करने पर लगभग 50 प्रतिशत जल की बचत होगी और 30 से 35 प्रतिशत उर्वरक की खपत में कमी आएगी.

किसानों को इसका यह फायदा होगा कि उच्च गुणवत्ता वाला फसल मिलेगा. इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को किसान पंजीयन संख्या और जमीन का रसीद होना अनिवार्य है. किसी भी प्रकार की समस्या होने पर संबंधित प्रखंड से उद्यान पदाधिकारी से जानकारी हासिल कर सकते हैं.

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