सुविधाओं की कमी के चलते प्रैक्टिस के लिए करनाल से जाते थे झज्जर, जीते मेडल

हिमांशु नारंग/करनाल: भारत के खिलाड़ियों का दुनियाभर में नाम है. ऐसा कोई खेल नहीं है, जहां भारतीय खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन की छाप ना छोड़ी हो. फिर चाहे बात कुश्ती की हो या जैवलिन थ्रो की. भारत के खिलाड़ियों का हर खेल में दबदबा है.

इसी कड़ी में भारत ने पहली बार हॉन्गकॉन्ग में हुई शटलकॉक एशियन चैंपियनशिप में में हिस्सा लिया और वहां भी दबदबा बनाया. जहां करनाल के टैगोर बाल निकेतन स्कूल के युगल व सूरज ने पुरुष डबल इवेंट में सिल्वर और टीम इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया है.

जीतने के बाद करनाल पहुंचे युगल और सूरज का जोरदार स्वागत किया गया. बता दें कि ये खिलाड़ी आगे वर्ल्ड शटलकॉक गेम में क्वालीफाई करने के लिए खुद को तैयार करेंगे. हॉन्गकॉन्ग से लौटे खिलाड़ियों का कहना है कि अब शटलकॉक गेम ओलंपिक में भी आ गया है. ऐसे में भारत के पास इसमें हिस्सा लेने का एक अच्छा मौका होगा.

शटलकॉक गेम ज्यादा प्रचलित नहीं है, लेकिन फिर भी हम अभ्यास के लिए करनाल से झज्जर जाते थे और कड़ी मेहनत करते थे. बहरहाल देश को इन दोनों खिलाड़ियों पर गर्व के साथ-साथ पूरी उम्मीद है कि ये खिलाड़ी आगे भी आने वाले टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन कर देश का नाम रोशन करेंगे.

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FIRST PUBLISHED : September 04, 2023, 00:09 IST

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