सुरंग हादसा: मजदूरों को करना पड़ सकता है इंतजार, बचाव अभियान में नई चुनौतियां

हाइलाइट्स

उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने में देरी हो सकती है.
पिछले 48 घंटों से सुरंग में ड्रिल करने के प्रयासों में कोई प्रगति नहीं हुई है.
एनडीएमए के मुताबिक अंतिम 10 मीटर तक खुदाई एक खतरनाक प्रक्रिया है.

उत्तरकाशी. उत्तरकाशी की सिल्कयारा सुरंग (Uttarkashi Tunnel Collapse) में दो हफ्ते से फंसे हुए 41 मजदूरों को बचाने में अब कई बाधाओं के कारण देरी हो रही है. अगले एक या दो दिनों में इनके बचाव का कोई संकेत नहीं मिलने से फंसे हुए मजदूरों के परिजन बेचैन हो रहे हैं. वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मजदूरों से वादा किया था कि उनकी सुरक्षित निकासी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. पिछले 48 घंटों से सुरंग में ड्रिल करने के प्रयासों में कोई प्रगति नहीं हुई है, क्योंकि बरमा ड्रिलिंग मशीन ने गुरुवार को 48 मीटर के निशान तक पहुंचने के बाद काम करना बंद कर दिया था.

ड्रिलिंग मशीन के ब्लेड मलबे में फंस गए थे, जो कि चट्टान और लोहे के गर्डरों से भरा हुआ है. फंसे हुए बरमा को काटने के लिए हैदराबाद से प्लाज्मा कटर मशीन लाई जा रही है, जिसके संभवत: आज पहुंचने की उम्मीद है. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के मुताबिक बचाव दल फंसे हुए मजदूरों तक पहुंचने के लिए मलबे के अंतिम 10 मीटर तक हाथ से खुदाई करने की योजना बना रहे हैं. जो एक खतरनाक प्रक्रिया है, जिसमें लंबा समय लगने की संभावना है. बचाव दल ने पहाड़ के ऊपर से भी खुदाई करने की तैयारी की है.

सीधे नीचे ड्रिलिंग खतरनाक
इसके बावजूद पहाड़ से सीधे नीचे ड्रिलिंग की कोशिश भी रुक गई है, क्योंकि बड़ी ड्रिलिंग मशीन को पहुंचने के लिए रास्ता थोड़ा संकरा है, सीमा सड़क संगठन अब सड़क को चौड़ा करने का काम कर रहा है. हालांकि अधिकारियों ने यह भी चेतावनी दी है कि ऊपर से ड्रिलिंग जोखिम भरा है क्योंकि यह पहले से ही नाजुक पहाड़ में कंपन पैदा कर सकता है. वे इसे सावधानीपूर्वक करने के तरीकों पर विचार कर रहे हैं. गौरतलब है कि उत्तराखंड के चार धाम मार्ग पर निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को भूस्खलन के बाद ढह गया था, जिससे 41 मजदूर अंदर फंस गए थे.

24 से 48 घंटे में फिर शुरू हाेगा ड्रिलिंग का काम, अब रेस्क्यू टीम के पास हैं ये 2 प्लान

उत्तरकाशी सुरंग बचाव अभियान: 48 घंटे से ड्रिलिंग ठप, बचाव दल के सामने नई चुनौतियां, आखिर कितना लंबा वक्त लगेगा?

बचाव प्रक्रिया खतरनाक
यह देखते हुए कि बचाव प्रक्रिया खतरनाक है, एनडीएमए ने कहा कि चाहे जो भी तरीका इस्तेमाल किया जाए हर किसी को अपना धैर्य बनाए रखना होगा और बचाव कर्मियों पर दबाव नहीं डालना होगा. फंसे हुए लोगों के रिश्तेदारों का मनोबल और प्रेरणा बनाए रखने की कोशिश की जा रही है, क्योंकि यह बचाव अभियान लंबे समय तक चल सकता है. उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी पत्रकारों से कहा कि सभी संभावित विकल्प तलाशे जा रहे हैं. पीएम मोदी मजदूरों के हालात को लेकर चिंतित हैं. आशा और उम्मीद है कि ऑपरेशन जल्द से जल्द पूरा हो जाएगा.

Tags: NDRF, Rescue Team, Uttarkashi Latest News, Uttarkashi News

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *