सर्वेश श्रीवास्तव/ अयोध्या: 500 वर्ष बाद जैसे ही प्रभु राम अपने भव्य महल में विराजमान हुए तो अयोध्या की तस्वीर ही बदल गई. विकास देखकर ऐसा लग रहा है मानो अयोध्या सच में त्रेता युग में पहुंच गई हो. चारों तरफ प्रभु श्रीराम के जयकारे, दीवारों पर सुंदर आकर्षक तस्वीरें बदलती अयोध्या को दिखा रही हैं. नजारा ऐसा है कि हर रोज लाखों भक्तों की भीड़ अयोध्या पहुंच रही है. भक्त इतने दूर-दूरे से आकर अपने आराध्य प्रभु श्री राम की एक झलक पाने के लिए घंटों लाइन में लगकर इंतजार कर रहे हैं. अयोध्या वासियों ने कभी ऐसा नहीं सोचा होगा कि एक दिन ऐसा भी आएगा कि उनका शहर हर तरफ बदला-बदला सा नजर आएगा. दरअसल, अयोध्या की जो तस्वीर है वह एकदम बदल गई है. पहले की अयोध्या और अब की अयोध्या में जमीन आसमान का अंतर है. इतना ही नहीं, खुद अयोध्यावासी भी अपने शहर को पहचान नहीं पा रहे हैं.
22 जनवरी से प्रभु राम अपने भव्य महल में विराजमान हुए तब से लाखों की संख्या में राम भक्त दर्शन पूजन करने आ रहे हैं. लेकिन यहां रहने वाले अयोध्या वासियों के लिए कई चीज बड़ी अनोखी और खास हुई है. अयोध्या वासियों का कहना है कि सुबह से लेकर शाम तक जब वह घर लौटते हैं तो उनके लिए अयोध्या बदली बदली सी नजर आती है. मानो ऐसा लगता है कि अयोध्या में रहने वाले लोगों के लिए ही अयोध्या शहर भूल भुलैया लगने लगा है. कई बार ऐसा होता है कि लोग अपने पसंदीदा दुकान पर तो जाना चाहते हैं लेकिन सजावट की वजह से वह भूल जाते है कि दुकान कहां चली गई.
दिव्यता और भव्यता को प्राप्त कर रही रामनगरी
लोगों का कहना है कि वह अक्सर अपनी गलियों को भूल जाते हैं. क्योंकि सुबह का नजारा कुछ और होता है और शाम होते-होते एकदम से बदल जाता है. कहीं गलियों पर नई लाइट लगा दी जाती है तो कहीं दीवारों पर पेंट. इन दिनों अयोध्या में चमचमाती सड़के, शानदार रंग बिरंगी लाइटिंग, आने वाले राम भक्तों को मोहित कर ही रही हैं. लेकिन अयोध्यावासी ये सब देखकर हैरान हो जाते हैं. आसपास की सजावट देखकर उनको ऐसा लगता है कि मेरा घर तो ऐसी जगह था ही नहीं. अक्सर, वे लोग अपने घर की गलियों को भी भूल जा रहे हैं. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद जो लोग वापस अयोध्या पहुंचे हैं, वो लोग तो शहर को पहचान ही नहीं पा रहे हैं. उनका कहना है कि अयोध्या अब पहले जैसी नहीं रही.