नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में मंगलवार को वह हुआ, जो आजतक कभी नहीं हुआ था. जी हां, चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर अहम फैसला देकर सुप्रीम कोर्ट ने एक इतिहास रच दिया है. सुप्रीम कोर्ट में न केवल वोटों की गिनती हुई, बल्कि इंसाफ देने के लिए मेयर चुनाव के रिजल्ट का ऐलान भी कोर्ट से ही हुआ. दरअसल, चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले की सुनवाई के दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने पुराने चुनाव परिणाम को रद्द कर दिया, जिसके बाद कोर्ट में फिर से वोटों की गिनती की गई और नए नतीजे घोषित किए गए. सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ महापौर चुनाव के परिणाम को मंगलवार को पलटते हुए आम आदमी पार्टी (आप)-कांग्रेस गठबंधन के पराजित उम्मीदवार कुलदीप कुमार को शहर का नया महापौर घोषित किया.
सुप्रीम कोर्ट ने 30 जनवरी के चुनाव के संचालन में गंभीर खामियां पाए जाने के बाद निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह के खिलाफ ‘ गंभीर कदाचार’ के लिए मुकदमा चलाने का भी आदेश दिया. संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्ति का उपयोग करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि निर्वाचन अधिकारी द्वारा घोषित परिणाम स्पष्ट रूप से कानून के उलट था. निर्वाचन अधिकारी एक मनोनीत पार्षद हैं. इस मामले की सुनवाई के दौरान मामले की हककीत सबके सामने लाने के लिए सीजेआई ने कोर्ट रूम में ही 20 मिनट तक सबको वीडियो भी दिखाया.
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि ऐसे मामले में शीर्ष अदालत खासकर संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपने अधिकार क्षेत्र के संदर्भ में कर्तव्यबद्ध है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चुनावी लोकतंत्र की प्रक्रिया को छल-प्रपंच के जरिये विफल नहीं होने दिया जाए. पीठ में न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं. न्यायालय ने कहा कि अदालत को वहां कदम उठाना चाहिए, जहां असाधारण स्थितियां उत्पन्न होती हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चुनावी लोकतंत्र का ‘मूल जनादेश’ संरक्षित रहे.
पीठ ने कहा, ‘इसी के अनुरूप हम आदेश और निर्देश देते हैं कि निर्वाचन अधिकारी (मसीह) द्वारा घोषित चुनाव परिणाम को रद्द और दरकिनार किया जाए. याचिकाकर्ता (कुमार) को चंडीगढ़ नगर निगम के महापौर के रूप में चुनाव के लिए वैध रूप से निर्वाचित उम्मीदवार घोषित किया जाता है.’ शीर्ष अदालत ने कहा कि मसीह द्वारा अमान्य किए गए आठ मतपत्रों में से प्रत्येक में वोट कुमार के पक्ष में डाले गए थे.
पीठ ने कहा कि यह स्पष्ट है कि मसीह ने जानबूझकर आठ मतपत्रों को विरूपित करने का प्रयास किया. शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि वह पूरी चुनावी प्रक्रिया को रद्द नहीं कर रही है और खुद को मतगणना प्रक्रिया में उन गलत कार्यों से निपटने तक ही सीमित रख रही है, जिसके कारण कुमार के पक्ष में डाले गए आठ मत अमान्य हो गए थे. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 30 जनवरी को चंडीगढ़ महापौर चुनाव में कांग्रेस-आप गठबंधन के खिलाफ जीत हासिल की थी. महापौर पद के लिए भाजपा के मनोज सोनकर ने आप के कुलदीप कुमार को हराया था. सोनकर को अपने प्रतिद्वंद्वी के 12 मतों के मुकाबले 16 मत मिले थे. सोनकर ने रविवार को महापौर पद से इस्तीफा दे दिया था. (इनपुट भाषा से)
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FIRST PUBLISHED : February 21, 2024, 05:20 IST