पवन सिंह कुंवर/हल्द्वानी. बदलते मौसम के साथ ही सर्दी-जुकाम, बुखार और डेंगू जैसे वायरल संक्रमण में तेजी से इजाफा हो रहा है. इससे बचने के लिए आप कई औषधि का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. जिनसे शरीर संक्रमण मुक्त और स्वस्थ रहेगा. आज हम आपको एक ऐसी औषधि के बारे में बताने जा रहे हैं जो जोड़ों में दर्द और सर्दी, जुकाम और बुखार का रामबाण इलाज है. इस औषधि का नाम सुदर्शन है और इसका काम भी इसके नाम जैसा ही है.
किसी भी प्रकार का बुखार हो उसे जड़ से खत्म करने में यह औषधि सुदर्शन चक्र का काम करती है. इस औषधि को ज्वर नाशक के नाम से भी जानते हैं. तमाम बीमारियों को जड़ से खत्म करने में आयुर्वेदिक पद्धति काफी कामयाब सिद्ध होती है. इसकी पत्तियां स्वस्थ मानव जीवन में बड़ा ही महत्वपूर्ण योगदान रखती है. इसका प्रयोग ज्वर के साथ-साथ कान में दर्द, जोड़ों में दर्द, बवासीर, पेट के कीड़े तथा स्क्रीन से संबंधित तमाम बीमारियों में किया जाता है.
इन रोगों के इलाज में आता हैं काम
सुदर्शन के फूल के औषधीय गुणों के आधार पर आयुर्वेद में रोगों के उपचार के तौर पर सुदर्शन का प्रयोग किया जाता है. सुदर्शन कान दर्द, जोड़ों का दर्द, बुखार, सर्दी, जुकाम और बवासीर जैसे बीमारियों के लिए फायदेमंद सिद्ध होता है. चलिए जानते हैं कि सुदर्शन और कितने फायदे स्वास्थ्य के दृष्टि से गुणकारी हैं. सुदर्शन ऐसा जड़ी बूटी है जो कई तरह के रोगों के लिए फायदेमंद सिद्ध होता है.
बवासीर के दर्दनाक कष्ट से मिलेगा छुटकारा
वन क्षेत्राधिकारी मदन सिंह बिष्ट बताया कि अगर दांत दर्द के कारण या ठंडे लगने के वजह से कान में दर्द हो रहा है तो 1-2 बूंद सुदर्शन के पत्ते के रस को कान में डालने से कान का दर्द कम हो जाता है. बवासीर के दर्दनाक कष्ट से आराम दिलाने में सुदर्शन काम आता है. सुदर्शन के शल्क कंद को पीसकर अर्श या बवासीर के मस्सों में लेप करने से लाभ होता है. और जोड़ो पर लेप करने से आमवात के दर्द से राहत दिलाने में मदद करती है. जोड़ो के दर्द से परेशान हैं तो सुदर्शन का इस तरह से इस्तेमाल करने पर बहुत लाभ मिलता है. पुराना घाव नहीं सूख रहा है तो सुदर्शन के कंद को पीसकर घाव पर लगाने से ठीक होता है . सुदर्शन के पत्ते के रस से सिद्ध तेल को लगाने से त्वचा संबंधी रोगो से छुटकारा मिलती है. आयुर्वेद में सुदर्शन के पत्ते तथा शल्ककन्द का प्रयोग औषधि के लिए किया जाता है.
ऐसे करें सुदर्शन की जड़ का सेवन
वन क्षेत्राधिकारी मदन सिंह बिष्ट ने बताया कि सुदर्शन की जड़ को पीसकर संधियों यानि जोड़ो पर लगाने से संधिवात का दर्द कम होता है तथा सूजन पर लगाने से सूजन कम होती है. जोड़ो के दर्द तथा वेदनायुक्त रोगों में सुदर्शन की पत्तियों से स्वेदन करने से या पत्तों को पीसकर गुनगुना कर लेप करने से लाभ होता है. आप इस पौधे की जड़ों का काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं जिससे बुखार, खांसी और जोड़ों में दर्द जैसी समस्या से निजात मिलता है. अगर आप इस पौधे का सेवन करना चाहते हैं तो आपको बता दें कि सुशीला तिवारी अस्पताल के पास हल्द्वानी वन अनुसंधान केंद्र पर आपको यह पौधा आसानी से मिल जाएगा.
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FIRST PUBLISHED : October 23, 2023, 19:22 IST