सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांडः दोनों शूटर सहित 6 आरोपी कोर्ट में पेश, शूटर रोहित सिंह और नितिन फौजी सहित सहयोगी 7 दिन के रिमांड पर

विष्णु शर्मा

जयपुर. श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड से जुड़ी बड़ी खबर सामने आयी है. पुलिस ने आज दोनों शूटर सहित 6 आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया है. पुलिस ने सभी 6 आरोपियों को 7 दिन के रिमांड पर ले लिया है. शूटर रोहित सिंह, शूटर नितिन फौजी और सहयोगी उधम सिंह 7 दिन के रिमांड पर भेज दिए गए है. इसके अलावा भौंडसी जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लाये 3 बदमाश भी 7 दिन के रिमांड पर भेज दिए गए है. सभी आरोपियों को 18 दिसंबर तक रिमांड पर भेजा गया है. वहीं अन्य तीन आरोपी भवानी सिंह उर्फ रौनी, सुमित यादव और राहुल कौथल को भी रिमांड पर भेज दिया गया है. बता दें, यह तीनों आरोपी महेंद्रगढ़ में पुलिस पर फायरिंग करने के मामले में पहले से जेल में बंद थे.

आरोपी भवानी सिंह ने नितिन फौजी से संपर्क किया था और पूरी वारदात को अंजान देने के लिए तैयार किया. जानकारी के अनुसार, आर्मी से छुट्टी लेकर नितिन फौजी अपने घर मनेंद्रगढ़ आया था. उसी दौरान उससे संपर्क साधकर भवानी सिंह ने उसे तैयार किया और रोहित राठौड़ के साथ मिलकर गोगामेड़ी की हत्या करने की सुपारी दी. इस पूरे हत्याकांड की साजिश लॉरेंस विश्नोई ने की, जिसके बाद संपत नेहरा को इसकी जिम्मेदारी दी गई. संपत ने गैंगस्टर रोहित गोदारा को जिम्मा दिया, फिर गोदारा ने वीरेंद्र चारण को हत्या करने का निर्देश दिया. वीरेंद्र चारण ने भवानी सिहं को तैयार किया था. वीरेंद्र इस समय नेपाल में छिपा हुआ है, जिसकी तलाश में पुलिस लगी हुई है.

वारदात में जिगाना पिस्टल का किया गया इस्तेमाल
बता दें, 5 दिसंबर को सुखदेव सिंह गोगामेड़ी से मुलाकात के बहाने आरोपियों ने घटना को अंजाम दिया था. इस दौरान शूटर नितिन फौजी और शूटर रोहित सिंह ने करीब 17 राउंड फायर किये थे. पुलिस की जांच में सामने आया है कि सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या में जिगाना पिस्टल प्रयुक्त हुई थी. दोनों शूटर 78 कारतूस व जिगाना पिस्टल साथ लेकर आए थे. नितिन फौजी के पास एक पिस्टल में 20 राउंड और दूसरी पिस्टल में 30 राउंड कारतूस थे. इसके अलावा नितिन फौजी के पास 15 राउंड की अलग से मैगजीन थी. वहीं रोहित राठौड़ के पास 1 पिस्टल थी, जिसमें 13 राउंड कारतूस थे.

क्या होता है प्रोडक्शन वारंट?
प्रोडक्शन वारंट के तहत जब कोई मुल्जिम यदि किसी जेल में बंद होता है तो उसे कोर्ट के जरीए पुलिस रिमांड पर लिया जाता है. किसी मामले की जांच के दौरान आरोपी अथवा अपराध के तथ्यों और परिस्थितियों से वाकिफ व्यक्ति का बयान दर्ज करने के लिए अथवा अटेंडेंश लगाने के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी किया जाता है.

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