सीता मां की प्यास मिटाने केलिए श्रीराम ने अपनी वाण से इस स्थान से निकाला था ज

मोहन ढाकले/बुरहानपुर. भगवान राम के वनवास की कहानी आप ने सुनी होगी लेकिन आज हम आपको ऐसी हकीकत से रूबरू कराने जा रहे है जहां पर भगवान श्री राम ने वनवास के दौरान माता सीता की प्यास बुझाने के लिए और स्नान के लिए बुरहानपुर जिले के नेपानगर में बाण मार कर जलधारा प्रवाहित की थी. इस स्थान को सीता नहानी के नाम से जाना जाता है. आज भी इस स्थान से जलधारा बह रही है. यह पानी पीने योग्य है.

मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के लोग यहां पर स्नान करने के साथ पानी पीने के लिए पहुंचते हैं. अब इस स्थान पर एक करोड रुपए की लागत से सौंदर्य करण होने जा रहा है. नगर परिषद की ओर से यह प्रस्ताव पास कर दिया था अब इसको मध्य प्रदेश पर्यटन टूरिज्म बोर्ड ने भी स्वीकार कर लिया है.

आज भी बह रही है जलधारा
इस स्थान पर आज भी जलधारा बह रही है यहां से पीने योग्य पानी निकलता है. जिसको ग्रामीणों के साथ आसपास के लोग भी उपयोग में लेते हैं.

मिनरल वाटर की तरह शुद्ध है पानी
यहां से निकलने वाला पानी मिनिरल वॉटर की तरह शुद्ध है. एक कुंड बना हुआ है. इसमें यहां पानी एकत्रित होता है. लोग अपने उपयोग के लिए इस पानी को निकाल कर अपने साथ भी ले जाते हैं.

रामनवमी और महाशिवरात्रि पर होता है मेले
इस स्थान को सीता नहानी के नाम से भी जाना जाता है. प्रसिद्ध जगह पर श्री रामनवमी और महाशिवरात्रि के अवसर पर मेले का आयोजन होता है. हजारों की संख्या में लोग यहां पर दर्शन पूजन करने के लिए पहुंचते हैं. और इस पानी से स्नान कर पानी को पीते हैं.

क्षेत्र वासियों ने दी जानकारी
क्षेत्र के प्रवीण काटकर ने जानकारी देते हुए बताया कि इस स्थान को सीता नहानी के नाम से भी जाना जाता है. भगवान श्री राम ने वनवास के दौरान माता सीता की प्यास बुझाने के लिए यहां पर बाण मार कर जल प्रवाहित किया था. आज भी इस स्थान पर जल बह रहा है.

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