केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक तमिल दैनिक की खबर का हवाला देते हुए रविवार को आरोप लगाया कि तमिलनाडु सरकार द्वारा प्रबंधित मंदिरों ने अयोध्या में राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन भगवान राम की पूजा निषिद्ध कर दी है।
वहीं, राज्य सरकार ने इस दावे को छिपे हुए इरादों वाली झूठी खबर करार देते हुए खारिज कर दिया है।
सीतारमण ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में आरोप लगाया, ‘‘तमिलनाडु सरकार ने 22 जनवरी 2024 के अयोध्या राम मंदिर कार्यक्रमों का सीधा प्रसारण देखने पर प्रतिबंध लगा दिया है। तमिलनाडु में श्री राम के 200 से अधिक मंदिर हैं। हिंदू धार्मिक एवं धर्मार्थ धर्मादा (एचआर एंड सीई) प्रबंधित मंदिरों में श्री राम के नाम पर कोई भी पूजा/भजन/प्रसादम/अन्नदानम की अनुमति नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘निजी रूप से प्रबंधित मंदिरों को भी कार्यक्रम आयोजित करने से पुलिस रोक रही है। वे आयोजकों को पंडाल तोड़ने की धमकी दे रहे हैं। हिंदू विरोधी, इस घृणित कार्रवाई की कड़ी निंदा करती हूं।’’
केंद्रीय मंत्री ने इस बारे में तमिल समाचार पत्र की एक खबर अपने पोस्ट में संलग्न की है।
सीतारमण के आरोप पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए तमिलनाडु के धार्मिक एवं धर्मार्थ धर्मादा मंत्री पी.के. शेखर बाबू ने कहा कि ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के मंदिरों, एचआर एंड सीई विभाग ने भगवान राम की पूजा करने पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया है।
उन्होंने साथ ही कहा कि अन्नदानम और प्रसादम वितरित करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
तमिलनाडु के मंत्री ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘अभी सलेम में हो रहे द्रमुक की युवा शाखा के सम्मेलन से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए यह अफवाह फैलाई जा रही है।’’
उन्होंने खबर को पूरी तरह से फर्जी और छिपे हुए इरादों वाला बताया। उन्होंने कहा कि यह अफसोसजनक है कि एक उच्च पद पर आसीन सीतारमण इस तरह की फर्जी खबरों का प्रसार कर रही हैं।
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