सीएम भजनलाल शर्मा का बड़ा दावा, राजस्थान में अब नहीं होगा बिजली का संकट

जयपुर. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में गुरुवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में प्रदेश में पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने और कर्मचारियों तथा पेंशनर्स का डीए बढ़ाने के साथ ही कई बड़े और अहम फैसले किए गए हैं. बैठक के बाद मुख्यमंत्री के साथ उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी और डॉ. प्रेमचन्द्र बैरवा ने पत्रकारों से मुखातिब होते हुए कहा कि राजस्थान सरकार अपने सभी वादे समय से पहले पूरे करेगी. यह पीएम मोदी की गारंटी की पूरी होने की गारंटी है. सीएम भजनलाल ने इस दौरान अपनी सरकार की तीन माह की उपलब्धियां भी गिनाई.

सीएमओ में हुई राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में बिजली सुधार को लेकर भी बड़े फैसले लिए गए हैं. कैबिनेट की बैठक में सूबे में पेट्रोल और डीजल पर दो-दो फीसदी वैट कम करने के फैसले पर मुहर लगाई गई है. प्रदेशभर में इनके दामों में एकरुपता लाई जाएगी. आमजन को यह राहत प्रदान करने से राज्य सरकार पर 1500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा.

वहीं राज्य कर्मचारियों और पेंशनर्स के डीए में चार फीसदी की बढ़ोतरी कर उसे 46 से 50 फीसदी कर दिया गया है. इससे 12 लाख 40 हजार सरकारी कर्मचारियों एवं पेंशनर्स को फायदा मिलेगा. इनमें 8 लाख कर्मचारी और 4 लाख 40 हजार पेंशनर्स शामिल हैं. मंहगाई भत्ते की बढ़ी हुई दरें 1 जनवरी 2024 से प्रभावी होंगी. कर्मचारियों को मार्च 2024 के वेतन (देय अप्रेल 2024) से बढ़े हुए मंहगाई भत्ते का नकद भुगतान किया जाएगा.

जनवरी और फरवरी माह की राशि संबंधित कर्मचारियों के जीपीएफ, जीपीएफ-2004 अथवा जीपीएफ-एसएबी खातों में जमा की जाएगी. सरकारी कार्मिकों एवं पेंशनर्स को यह राहत प्रदान करने के लिए राज्य सरकार 1640 करोड़ रुपये का प्रतिवर्ष का अतिरिक्त वित्तीय भार वहन करेगी. पंचायत समिति एवं जिला परिषद के कर्मचारियों को भी बढ़े हुए मंहगाई भत्ते का लाभ मिलेगा.

राजस्थान बिजली उत्पादन में होगा अग्रणी
मुख्यमंत्री ने बताया कि हमारी सरकार प्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कार्य कर रही है. तीन साल बाद राजस्थान बिजली उत्पादन के क्षेत्र में सरप्लस की स्थिति में आ जाएगा. उसके बाद राजस्थान बिजली खरीदने के स्थान पर दूसरे राज्यों को बिजली बेचने में सक्षम हो जाएगा. उन्होंने बताया कि इस क्रम में बीते दिनों 3 हजार 325 मेगावाट की थर्मल परियोजनाओं और 28 हजार 500 मेगावाट की अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के संयुक्त उपक्रम स्थापित करने के लिए करीब 1 लाख 60 हजार करोड़ रुपये के एमओयू किए गए हैं.

ये बड़ा एग्रीमेंट किया गया है
राजस्थान ऊर्जा विकास निगम एवं एसजेवीएन के बीच 600 मेगावाट सौर उर्जा परियोजनाओं से बिजली की आपूर्ति के लिए पावर परचेज एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किये गये हैं. इसमें 100 मेगावाट टैरिफ आधारित निविदा प्रक्रिया के तहत 2.62 पैसे प्रति यूनिट तथा 500 मेगावाट एमएनआरई की सीपीएसयू स्कीम के तहत 2.57 पैसे प्रति यूनिट की दर पर 25 वर्षों के लिए विद्युत आपूर्ति की जाएगी.

सेतु बंधन योजना के तहत होंगे बड़े काम
इनके अलावा केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सीआरआईएफ के तहत राजस्थान में 31 प्रमुख जिला सड़कों और राज्य राजमार्गों को चौड़ा और सुदृढ़ करने के लिए 972.80 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं. इसके साथ ही सीआरआईएफ के तहत सेतु बंधन योजना के तहत विभिन्न जिलों में 07 आरओबी, आरयूबी, फ्लाईओवर के निर्माण कार्य के लिए 384.56 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं.

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