सीएम केजरीवाल की सरकार ने लागू की सोलर पॉलिसी, जानें क्या है फायदे

नई दिल्ली :

दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सोलर पॉलिसी 2023 लागू कर दी है, जिसके तहत दिल्लीवाले अपने घर की छतों पर सोलर पैनल लगवाकर अपना बिजली का बिल जीरो कर सकते हैं. सरकार द्वारा पॉलिसी की अधिसूचना भी जारी कर दी गई है. सरकार का मानना है कि सोलर पॉलिसी से वायु प्रदूषण को कम करने में भी मदद मिलेगी. साथ ही बिजली का बिल जीरो हो जाएगा. पॉलिसी के तहत सरकार ने कई सब्सिडी का प्रावधान किया है. यानि सोलर पैनल में जितना पैसा खर्च होगा, वो अगले चार साल के अंदर रिकवर हो जाएगा.

वहीं कमर्शियल और इंडस्ट्रीयल उपभोक्ताओं का बिल भी आधा हो जाएगा. इसका फायदा आवासीय सेक्टर के अलावा कमर्शियल और इंडस्ट्रीयल उपभोक्ताओं को भी मिलेगा. इस पॉलिसी के लागू होने के बाद अगले तीन साल के अंदर (2027 तक) दिल्ली में 4500 मेगावॉट सोलर पावर की क्षमता स्थापित हो जाएगी. दिल्ली सरकार ने बताया कि,  दिल्ली सोलर पॉलिसी की सारी जानकारी एक जगह उपलब्ध कराने के लिए सोलर पोर्टल बनाया जा रहा है.

दिल्ली सोलर पॉलिसी 2024 के मुख्यतः दो लक्ष्य हैं. पहला, दिल्ली को पूरे भारत में सौर ऊर्जा अपनाने के मामले में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करना है. जिससे दिल्ली के वायु प्रदूषण को कम किया जा सके. दूसरा, गैर-सब्सिडी वाले आवासीय उपभोक्ताओं के बिजली बिलों को जीरो और कमर्शियल व औद्योगिक उपभोक्ताओं का बिजली का बिल 50 फीसद तक कम करना है. बता दें कि, दिल्ली सौर नीति 2024 भारत में सबसे उपभोक्ता-अनुकूल सौर नीति है.

बता दें कि, वर्तमान में दिल्ली के लगभग 70 फीसदी आवासीय उपभोक्ताओं को शून्य बिजली बिल मिलता है (200 यूनिट से कम खपत हर महीने). नई नीति के तहत छत पर प्लांट लगाकर आंशिक रूप से सब्सिडी वाले और बिना सब्सिडी वाले उपभोक्ता भी पहले महीने से ही हर महीने शून्य बिल प्राप्त कर सकते हैं. इसके अलावा उन्हें दिल्ली सरकार के उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (जीबीआई) के जरिए से 700-900 रुपये की मासिक आय और 4 साल में कुल निवेश पर वापसी (आरओआई) प्राप्त होगी.

गौरतलब है कि, आवासीय उपभोक्ताओं के अलावा दिल्ली सरकार ने पहली बार वाणिज्यिक/औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए भी जीबीआई के विस्तार का निर्णय लिया है. (दिल्ली में पहले 200 मेगावाट के संयंत्रों के लिए). उन्हें ऊपर वर्णित नेट मीटरिंग, अतिरिक्त इकाइयों के रोल ओवर और अतिरिक्त आय के लाभों के अलावा 5 वर्षों के लिए उत्पन्न सौर ऊर्जा की प्रति यूनिट 1 रुपये का प्रोत्साहन प्राप्त होगा. जिससे दिल्ली में एक औसत वाणिज्यिक या औद्योगिक उपभोक्ता अपने मौजूदा बिजली बिल पर लगभग 50 फीसदी की बचत कर सकता है और 4 साल में छत के प्लांट पर निवेश पर वापसी (आरओआई) प्राप्त कर सकता है.

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