सिर्फ 3 हजार में मिल रहा सागौन की लकड़ी का दरवाजा, यहां से खरीदें

अर्पित बड़कुल/दमोह: पहले के जमाने में लोग घर के मुख्य द्वार को लोहे का बनवाते थे, पर आज अधिकतर मुख्य दरवाजे लोहे के होते हैं. कारण लकड़ी लोहे से महंगी है. लेकिन, अगर आपको सागौन की लकड़ी के बने दरवाजे लोहे से भी सस्ते पड़ें तो कैसा लगेगा. पहले तो यकीन नहीं होगा, लेकिन ऐसा है.

अगर आप भी अपनी पसंदीदा डिजाइन के लिए सागौन की लकड़ी से तैयार दरवाजे की चाह रखते हैं तो दमोह के पिपरिया नन्दलाल गांव जो जबेरा ब्लॉक में आता है, यहां महज 3 हजार रुपये में सागौन की लकड़ी के दरवाजा तैयार मिलते हैं. अब इससे सस्ता सागौन की लड़की का दरवाजा और कहां मिलेगा.

दरवाजा इसलिए है सस्ता
पुराने दरवाजे का व्यापार करने वाले सलमान खान ने बताया कि वह बीते 8 से 10 सालों से यह कारोबार कर रहे हैं. बड़े शहरों में खंडर बिल्डिंग से जो भी फर्नीचर निकलता है, उसे खरीदकर गांव ले आते हैं. पुरानी भवनों में ज्यादातर दरवाजे सागौन की लकड़ी के लगे होते हैं. दरवाजे में टूट-फूट हो जाती है, उन्हें फिर से दुरुस्त कर कम दामों में जरूरतमंद लोगों को बेच देते हैं. वैसे तो यदि कोई ग्राहक बाजार में इस दरवाजे को खरीदने जाता है तो यह दरवाजा उसे करीब 10 से 12 हजार रुपये में मिल जाएगा. यदि ग्राहक हमारी दुकान पर इसे लेने आता है तो हम यही दरवाजा बाकायदा पॉलिश करके महज 3 से 4 हजार रुपये में बेच देते हैं.

भारी बारिश में भी नहीं होता खराब
सागौन वह इमारती लकड़ी है, जिससे बना फर्नीचर सालों साल खराब नहीं होता. यह लकड़ी इसलिए भी खास मानी जाती है, क्योंकि बारिश से भी इस लकड़ी के बने दरवाजे, खिड़कियां खराब नहीं होते. इस लकड़ी की खासियत होती है कि एक बार पालिश करने बाद सालों साल इस पर पालिश करने की जरूरत नहीं पड़ती. ज्यादातर लोग इससे तैयार दरवाजे, कुर्सियां, टेबल और भी अन्य जरूरत का सामान लेने की चाह रखते हैं.

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