सिर्फ 10 में मिलती है कमाल की चाट, स्वाद ऐसा दूर-दूर से आते हैं लोग, 140 सालों से है बादशाहत

सिमरनजीत सिंह/शाहजहांपुर: शहीदों की नगरी शाहजहांपुर में वैसे तो खानपान के बहुत से आइटम फेमस हैं, लेकिन यहां के सौंठ वाले खस्ता का भी स्वाद अनोखा है. जिसको खाने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. सौंठ वाला खस्ता शाहजहांपुर में आज से करीब 140 साल पहले से बेचा जा रहा है. जिसका स्वाद आज भी बरकरार है.

शाहजहांपुर के चौक बाजार में घनश्याम चाट कॉर्नर पर आपको सौंठ वाले खस्ता खाने को मिल जाएंगे. दुकान संचालक धीरज मिश्रा ने बताया कि चाट बेचने का काम उनका पुश्तैनी काम है. धीरज ने बताया कि 140 साल पहले चाट बेचने का काम उनके बाबा घनश्याम मिश्रा के पिता ने शुरु किया था. उसके बाद उनके बाबा फिर उनके पिता महेश मिश्रा इस काम को करते रहे हैं. वहीं अब धीरज मिश्रा काम को संभाल रहे है.

ऐसे बनाया जाता है सौंठ वाला खस्ता

सौंठ वाला खस्ता को बनाने के लिए सबसे पहले मैदा को छानकर उसे भिगोया जाता है. भिगोने के बाद उसे मसल कर छोटी-छोटी बॉल्स बनाकर फिर उन्हें बेल कर कढ़ाई में छोड़ दिया जाता है. थोड़ी देर धीमी आंच पर पकने के बाद मैदे का खस्ता बनकर तैयार हो जाता है. उसके बाद ग्राहक के मांगने पर खस्ते पर मटर चटनी और दही लगाकर फिर मसाला लगाकर ग्राहक को खाने के लिए दे दिया जाता है.

इस चटनी से खास हो जाता ये खस्ता

धीरज मिश्रा ने बताया कि सौंठ खस्ता में इस्तेमाल होने वाली चटनी को अलग तरीके से तैयार करते हैं. वह अमचूर को रात में भिगोकर छोड़ देते हैं. उसके बाद उसको सुबह उबालकर पीसा जाता है फिर गुड को खौला कर उसमें मिला लेते हैं. उसके बाद उसमें कई तरह के मसाले और सौंठ भी मिलाई जाती है.

140 साल पुरानी है दुकान

धीरज ने बताया कि आज से 140 साल पहले जो स्वाद उनके बाबा के पिता ग्राहकों को दिया करते थे. वही स्वाद वो आज भी ग्राहकों को दे रहे हैं. जिसके चलते लोग दूर-दूर से उनके पास सौंठ वाला खस्ता खाने के लिए आते हैं. धीरज ने बताया कि वह ग्राहक को 10 रूपए में तीन सौंठ वाले खस्ता देते हैं.

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