सिर्फ कागजों में चल रहा बेगूसराय का हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, देखें यह रिपोर्ट

नीरज कुमार/बेगूसराय : स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में बिहार की गिनती अब भी राज्यों की लिस्ट में सबसे नीचे से होती है. लेकिन अब राज्य धीरे-धीरे अपनी कमियों में सुधार कर रहा है. इसी कड़ी में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोला गया है. विभाग के द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक सूबे में एक वर्ष के दौरान हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर वर्ष 2022-23 की रिपोर्ट के अनुसारतीन करोड़ मरीजों का इलाज हुआ.

सूबे में 10,273 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर काम कर रहा है जबकि बेगूसराय में इसकी संख्या 292 है. हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर मरीजों के इलाज में भागलपुर जिला सूबे में पहले स्थान पर है. यहां 18 लाख मरीजों का इलाज किया गया. बेगूसराय में 15.64 लाख, पटना में 16.12 लाख मरीजों का इलाज हुआ. इसमें बेगूसराय जिला को तीसरा स्थान हासिल हुआ है. वहीं मुजफ्फरपुर जिला के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर 14 लाख 76 हजार 840 मरीजों का इलाज हुआ.

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर मिलने वाली सुविधा

बेगूसराय सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. कृष्ण कुमार और जिम्मेदार कर्मियों के मुताबिक मातृ स्वास्थ्य, शिशु स्वास्थ्य के साथ-साथ रिप्रोडक्टिव मैटरनल, नियोनेटल, चाइल्ड हेल्थ एंड एडोल्सेंट (आरएमएनसीएच) के अलावा गैर संचारी रोग की स्क्रीनिंग शामिल हैं. सेंटर पर ई-संजीवनी द्वारा टेलीमेडिसिन की सुविधा और ओपीडी की सुविधा दी जा रही है. स्वास्थ विभाग की गोपनीय रिपोर्ट और जारी रिपोर्ट के अनुसारजिला में कार्यरत 292 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर 15 लाख 64 हजार मरीजों को ओपीडी में इलाज किया गया.शिवहर में सबसे कम तीन लाख मरीजों का इलाज हुआ.

ग्रामीण इलाके के लोगों को नहीं मिल रहा है समुचित स्वास्थ्य लाभ


बेगूसराय में लोकल 18 ने चेरिया बरियारपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के पास बने हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में ताला लगा पाया. वहीं स्थानीय लोगों ने बताया शायद ही कभी खुलता है. इसी प्रखंड के मेहदाशाहपुर का हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खुलता तो है, लेकिन यहां के स्थानीय लोगों ने बताया कि सिर्फ़ एक स्टॉफ खोलने के लिए आते हैं जबकि यहां तीन कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है.

यहां के स्टॉफ का दावा है कि 155 प्रकार की दवाइयां उपलब्ध कराई जाती है. जबकि स्थानीय लोगों ने बताया कि मात्र तीन से चार प्रकार की दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही है. इस केंद्र पर रोजाना 10 जरूरमंद की इंट्री हो रही है . इसके बाद अगर जिला मुख्यालय की बात की जाय तो शहर के चार हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में से तीन की पड़ताल किया गया तो दो पर चिकित्सक अनुपस्थित पाए गए.

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कई हेल्थ वाला सेंटर से चिकित्सक दिखे गायब

उलाव हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर पदस्थापित चिकित्सक डॉ. मारूति नंदन के बारे में डाटा ऑपरेटर वरूण ने बताया कि जिला स्वास्थ समिति गए हुए हैं. जबकि बाघा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर पदस्थापित चिकित्सक डॉ. वसंत कुमार तिवारी के बार में कर्मियों ने बताया कि कोर्ट गए हुए हैं.

पड़ताल के दौरान तेलिया पोखर स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में 15 की संख्या में मरीज बैठे हुए थे और चिकित्सक डॉ श्रीनिवास चंद्र राय कागजी रिपोर्ट तैयार करने को लेकर नर्स को दिशा-निर्देशित करते देखे गए. जैसे हीं उनको परिचय देकर बात करना प्रारंभ किया, तो वे अपने निर्धारित कुर्सी पर बैठ गए और लोगों को चिकित्सीय सलाह देना प्रारंभ किया.

कागजों पर चलता है बेगूसराय का हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर

चिकित्सक ने बताया कि शहर में चार हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर है, जिसे शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा दिया गया है, जिसमें एक चिकित्सक, पांच एएनएम, एक लैब तकनीशियन, एक डाटा ऑपरेटर, एक सफाई कर्मी एवं एक रात्री प्रहरी की तैनात है. वहीं सरकार की गाइडलाइन के अनुसार हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर में दो एमबीबीएस चिकित्सक, एक आयुष चिकित्सक, एक फार्मासिस्ट एवं जीएनएम भी होना चाहिए. ऐसे में ग्राउंड जीरो की रिपोर्ट चाहिए खुलासा तो हो गया कि बेगूसराय में हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर सिर्फ कागजों पर ही चलता है. सरकारी फाइल से बाहर मरीजों को इलाज करने में अबतक असफल रहा. अब देखना यह होगा कि लोकल 18 के एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के बाद क्या कुछ बदलाव आता है.

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