सास को झगड़ालू कहना लालची बहू को पड़ा भारी! नहीं मिला इस योजना का लाभ, जानें ये रोचक किस्सा

koशाश्वत सिंह/झांसी. सास-बहू की लड़ाई के कई किस्से अपने सुने होंगे. इस रिश्ते पर तो कई फिल्म भी बन चुकी हैं. इस रिश्ते से जुड़ी अब एक अनोखी कहानी झांसी में सामने आई है. यह भी किसी फिल्म की स्क्रिप्ट से कम नहीं है. सरकारी योजनाओं के लाभ की लालच ने सास-बहू को आमने-सामने लाकर खड़ा कर दिया है. पहले मुफ्त राशन का लाभ लेने के लिए बहू ने सास को झगड़ालू बताकर राशन कार्ड अलग बनवा लिया था. अब आयुष्मान योजना के लाभ की बारी आई तो बहू को फिर सास की याद आ गई. लेकिन इस बार सास ने बहू को स्वीकार करने से मना कर दिया है.

दरअसल, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश सरकार ने हर राशन कार्ड धारक को तेल, नमक और चना मुफ्त में बांटा था. इस योजना की लालच में कई संयुक्त परिवारों ने अलग-अलग राशन कार्ड बना लिए थे. झांसी की बहू ने यह कहकर अलग राशन कार्ड बनवाया की उसकी सास झगड़ालू है. उस समय तो कार्ड अलग बन गया और मुफ्त राशन का मजा भी ले लिया गया. लेकिन, खेल तब बिगड़ जब केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी आयुष्मान योजना में थोड़ा बदलाव कर दिया. केंद्र सरकार ने घोषणा कर दी की एक राशन कार्ड में अगर 6 या उससे अधिक लोग होंगे तो पूरे परिवार को योजना का लाभ मिलेगा.

सास ने बिगाड़ दिया खेल
केन्द्र सरकार की इस घोषणा के तुरंत बाद ही कई लोग कागज बनवाने और बदलवाने के खेल में लग गए. जिस बहू ने राशन की लालच में सास को अलग कर दिया था, अब वही कागजों में खुद को संयुक्त परिवार का सदस्य बता रही है. लेकिन, इस बार गेंद सास के पहले में आई तो उसने ऐसा खेल खेला की बहू चारों खाने चित्त हो गई. राशन कार्ड में नाम दोबारा जोड़ने के लिए सास की अनुमति चाहिए, लेकिन सास ने यह कहकर और मुझे देने से मना कर दिया की बहू को संपत्ति का लालच है. अब स्थिति यह है कि बहू के लिए सच ना निगलते बन रहा है, ना उगलते.

सभी मामलों की जांच जारी
इस मामले में जिलापूर्ति अधिकारी उमेश चंद्र ने कहा कि पिछले कुछ समय में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिसमें आवेदन करने वाले व्यक्ति ने पहले खुद को परिवार से अलग बताया था, लेकिन, अब फिर से खुद को परिवार का सदस्य बताने लगा है. ऐसे सभी मामलों की जांच की जा रही है.

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