सावधान ! हैलो…. मैं थाना प्रभारी बोल रहा हूं, कहीं ऐसा कॉल आपको तो नहीं आया.

रजनीश यादव/ प्रयागराज: बढ़ते डिजिटल कारण के दौर में अपराध की प्रवृत्तियों में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है. जहां पहले अपराधी प्रत्यक्ष रूप से अपराध में शामिल होते थे वहीं अब अपराधी हजारों किलोमीटर दूर बैठकर ऑनलाइन माध्यम से आपका डिटेल खंगाल कर आपके माध्यम से ही जानकारी लेकर आपको साइबर का शिकार बना रहे हैं. ऐसे में सरकार की ओर से इस प्रकार के साइबर क्राइम पर रोक लगाने के लिए प्रत्येक थानों में एक साइबर सेल थाने की स्थापना की गई है. जहां पर पीड़ित अपने मामले को एप्लीकेशन के माध्यम से थाने में दर्ज कर सकता है. ऐसे मामलो से निपटने के लिए थाने में साइबर एक्सपर्ट से जुड़े सिपाहियों की नियुक्ति की जा रही है.

प्रयागराज में उत्तर प्रदेश पुलिस में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर तैनात जयप्रकाश सिंह बेंगलुरु से इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी में बीटेक किए हुए हैं. शुरू से ही साइबर अवेयरनेस को लेकर इनकी रुचि को देखते हुए अधिकारियों के द्वारा प्रयागराज में इनको एक बड़ा जिम्मा मिला है. जिसके माध्यम से प्रयागराज वासियो को साइबर अवेयरनेस को लेकर कोचिंग संस्थान स्कूल ग्रामीण एरिया व शहर एरिया में भी लोगों को एकत्रित कर उनको साइबर अवेयरनेस को लेकर समझाने का काम करते हैं.

यहां करें कॉल होगा समाधान
सरकार की ओर से मुक्त हेल्पलाइन नंबर 1930 जारी किया गया है. जिस पर साइबर क्राइम का शिकार होने के बाद कॉल करने से पुलिस आपकी मदद के लिए तैयार रहेगी. जय प्रकाश सिंह बताते हैं कि हर रोज साइबर सेल के थाने पर तीन से चार एप्लीकेशन साइबर ठगी कर खाते से पैसा उड़ाने सहित कई मामले आते हैं.

बदल रहा साइबर क्राइम का तरीका
जय प्रकाश सिंह बताते हैं कि अनुभव किया जा रहा है कि अब साइबर एक्सपर्ट साइबर क्राइम का तरीका बदल रहे हैं. जहां पहले फेक वीडियो कॉल से लोगों को गुमराह करते थे और वीडियो वायरल के नाम पर पैसे मांगते थे वहीं अब खुद पुलिस अधिकारी बनकर फोन करके पैसे मांग रहे हैं.

दो लाख ऐसे गया
संदेश कोचिंग संस्थान के रवि सिंह बताते हैं कि उनके एम्पलाई का ₹200000 लोन के नाम पर अकाउंट से कट गया. जिसका चक्कर वह साइबर थाने पर लगाए लेकिन कुछ हो नहीं पाया. ऐसे में लोगों को पहले खुद जागरूक होना पड़ेगा कि हमें किसको क्या साझा करना चाहिए.

करें ये उपाय, नही होंगे शिकार
जय प्रकाश सिंह लगभग 500 से अधिक केस का निदान कर चुके हैं और 50 लाख से ज्यादा रुपए वापस मंगा चुके हैं. बताते हैं कि किसी भी हाल में हमको गूगल पर किसी फर्जी लिंक को ओपन नहीं करना है ना ही मोबाइल पर आई ओटीपी को किसी भी अनजान को बता देना है. बताते हैं कि कभी भी यूपीआई पिन डालने के बाद पैसा अकाउंट में नहीं आता है हमेशा कटता है तो ध्यान रहे कोई भी फोन करके यूपीआई पिन डालने के लिए कहे तो बिल्कुल ऐसा ना करें.

सोशल मीडिया पर रखें टू स्टेप वेरीफिकेशन
जयप्रकाश सिंह बताते हैं कि आज 90% लोगों के हाथ में एंड्रॉयड फोन है और लगभग लोग सोशल मीडिया उसे भी करते हैं ऐसे में सोशल मीडिया पर भी उनको टू स्टेप वेरीफिकेशन रखना चाहिए. अगर हमसे पहले स्टेप में कोई भूल चूक होती है, तो दूसरे स्टेप में वह सुरक्षित रहेंगे और उनके पैसे भी उनके खाते में सुरक्षित रहेंगे.

Tags: Allahabad news, Local18

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