सावधान! झारखंड के इस इलाके में खुलेआम घूम रहा बाघ, ट्रैप कमरे में कैद हुई फोटो

शशिकांत ओझा/पलामू. झारखंड का इकलौता पलामू टाइगर रिजर्व में फिर से बाघ की चहलकदमी देखी जा रही है. करीब 20 अक्टूबर से पलामू टाइगर रिजर्व में बाघ के होने की पुष्टि हुई है. यह बाघ युवा है और पलामू टाइगर रिजर्व क्षेत्र में घूम रहा है. पी टी आर के साउथ डिवीजन में बाघ देखा गया है, जो  अबतक कई मवेशियों का शिकार कर चुका है.

पलामू टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर प्रजेश कांत जैना ने लोकल 18 को बताया कि पलामू टाइगर रिजर्व में हमेशा से बाघ की गतिविधि रही है. पीटीआर में फिर से बाघ देखा गया है. जिसकी तस्वीर ट्रैप कैमरे में कैद हुआ है. सुरक्षा के लिहाज से सही लोकेशन अभी साझा नहीं की जा सकती है, लेकिन बाघ अभी भी पीटीआर क्षेत्र में है. जिसकी निगरानी की जा रही है.

इसके लिए टीम लगातार उसकी मोनेटरिंग कर रही है. एन टी सी ए के निर्देश के अनुसार भी कार्य किया जा रहा है. हाल ही में बाघ ने एक जंगली भैंसे का शिकार किया. इस दौरान वन विभाग द्वारा लगाए ट्रैप कैमरे में उसकी तस्वीर कैद हो गई. यह सोमवार देर रात की घटना है, जब बाघ घूमते फिरते वहां पहुंचा था. उन्होंने बताया कि बाघ की गतिविधि जानने के लिए जगह जगह ट्रैप कैमरे लगाए गए है.वहीं इसकी संख्या भी बढ़ाई जा रही है.

पांच मवेशियों का कर चुका है शिकार
उन्होंने बताया कि 20 अक्टूबर को बाघ की गतिविधि की जानकारी मिली थी. जिसके बाद तुरंत टीम गठिक कर निगरानी शुरू की गई. वहीं बाघ के कई निशान बाल, पैरों के निशान, मल आदि को एकत्रित कर डब्लू अल आई को भेज दिया गया है. जहां से रिपोर्ट आने के बाद साफ हो पाएगा की बाघ के बारे में विशेष जानकारी मिल पाएगी.उन्होंने बताया कि बाघ अबतक लगभग 5 पालतू पशुओं को निशाना बना चुका है. जिसमें मुआवजा का भी प्रावधान है. पशुओं के मालिक को मुआवजा देने का भी कार्य किया जा रहा है.

बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए पी टी आर में चल रहा कार्य
एन टी सी एस के टीम द्वारा मिले निर्देशों के अनुसार पलामू टाइगर रिजर्व में कार्य किया जा रहा है. इसके तहत कई सॉफ्ट रिलीज सेंटर बनाए गए हैं .वहीं ग्रास लैंड डेवलपमेंट पर भी कार्य किया जा रहा है. जंगली जानवरों के लिए पानी की समुचित व्यवस्था की जा रही है. बाघ के प्री पॉपुलेशन का विशेष ख्यालय रखते हुए कार्य किया जा रहा है. बता दें कि मार्च के महीने में एक बाघ पी टी आर में देखा गया था, जो 10 दिनों में आचनक गायब हो गया था. अनुमान लगाया जा रहा है कि यह वही बाघ है जो मार्च के महीने में देखा गया था.

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