साल 2023 में इन 5 नई टेक्नोलॉजी ट्रेंड ने बदली दुनिया

टेक्नोलॉजी ने आम इंसना के जीवन को काफी प्रभावित किया है। इसमें जिंदगी काफी आसान सी लगने लगी है। हर साल कोई न कोई नई टेक्नोलॉजी आती रहती हैं। वहीं इस साल यानी 2023 में कई नई टेक्नोलॉजी ट्रेंड ने दुनिया को बदलने का काम किया है। हालांकि, इन टेक्नोलॉजी के कारण आम से खास लोगों को परेशानी भी उठानी पड़ी है। 

ये हैं 2023 की टॉप 5 टेक्नोलॉजी जो चर्चा में रहीं 

 

AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी

चैटजीपीटी, जो अब काफी चर्चा में है, एक एआई आधारित चैटबॉट है। जिसकी मदद से लाखों वेबासाइटों पर मौजूद जानकारियों औऱ डेटा को संसोधित कर और उसे एक आसान भाषा में बदलकर यूजर्स के लिए उपलब्ध कराया जा सकता है। यानी ये ऑनलाइन अनुभव को फिर से परिभाषित कर सकता है। एआई अब तक बैकग्राउंड में रहा है, बिना किसी की नजर में आए अपना काम कर रहा है। लेकिन उम्मीद की जा रही है कि इसका रूप बदल जाएगा। 

DeepFakes 

इस साल डीपफेक भी काफी चर्चा में रहा। जिसने हर किसी को प्रभावित किया। फिर चाहे वो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही क्यों ना हो। डीपफेक वह टेक्नोलॉजी है जिससे रियल वीडियो में दूसरे के चेहरे को फिट कर फेक वीडियो बनाया जाता है जो रियल लगता है। हाल ही में इसका शिकार बॉलीवुड एक्ट्रेस रश्मिका मंधाना बनी हैं। इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल लोगों को परेशान करने, डराने, नीचा दिखाने और कमजोर करने के लिए डिजाइन किया जा सकता है। डीपफेक अहम मुद्दों के बारे में गलत सूचना और भ्रम भी पैदा कर सकता है। 

WhatsApp Scams

2023 में व्हाट्सएप नौकरी घोटाले एक आम घटना थी। फेसबुक के स्वामित्व वाला मैसेंजर ऐप तेजी से अपनी सेवाओं के व्यावसायीकरण की ओर बढ़ रहा है। व्यक्तिगत डेटा घोटालेबाजों के पास पहुंचना केवल समय की बात है। नौकरी बाजार में बेरोजगारी और प्रतिस्पर्धा बढ़ने के साथ, लोग पैसा कमाने के अवसरों के लिए बेताब हैं और धोखेबाज अच्छी तरह जानते हैं कि उनकी कमजोरियों का फायदा कैसे उठाया जाए। वे अक्सर अंतरराष्ट्रीय नंबरों का उपयोग करके व्हाट्सएप के माध्यम से उनसे संपर्क करते हैं, और कमीशन कमाने के लिए उनसे वीडियो या इसी तरह के कार्यों की समीक्षा करने के लिए कहते हैं। ऐसे ही एक मामले में, पुणे की एक आईटी इंजीनियर, जिसे उसके निवेश पर 30 प्रतिशत रिटर्न का वादा किया गया था, को 49 लाख रुपये का नुकसान हुआ। 

The QR con

हाल ही में, बेंगलुरु में भारतीय विज्ञान संस्थान के एक 30 वर्षीय प्रोफेसर अपनी वॉशिंग मशीन बेचने की कोशिश के दौरान क्यूआर कोड घोटाले का शिकार हो गए। खरीदार ने विक्रेता से एक क्यूआर कोड स्कैन करने का अनुरोध किया ताकि वह जल्दी से अपने बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर कर सके। हालांकि, जैसे ही प्रोफेसर ने कोड स्कैन किया, उनके खाते से 63,000 रुपये उड़ा दिए गए। बेशक, यह घटना अकेली नहीं थी – पिछले कुछ महीनों में क्यूआर कोड धोखाधड़ी के कई अन्य मामले सामने आए हैं। ‘मुझे ओटीपी बताएं’ के बाद ‘इस क्यूआर को स्कैन करें’ जालसाजों का नया जाल है। डिजिटल इंडिया के लिए आगे और भी चुनौतियां हैं।

Date baits

2023 में, स्कैमर्स ने महंगे उपहार भेजने के बहाने लोगों को धोखा देने के लिए डेटिंग के साथ-साथ वैवाहिक ऐप्स का उपयोग करना शुरू कर दिया। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग दो-तिहाई भारतीय युवा ऑनलाइन डेटिंग/रोमांस घोटालों का शिकार हुए हैं और उन्हें औसतन 7,966 रुपये का नुकसान हुआ है। ऑनलाइन डेटिंग प्लेटफ़ॉर्म की बढ़ती लोकप्रियता के साथ, अपराधियों ने साथी की तलाश कर रहे कमजोर लोगों का शोषण करने के लिए एक नया स्रोत ढूंढ लिया है। गुरुग्राम का मामला जिसमें एक महिला ने लगभग एक दर्जन पुरुषों को धोखा दिया, यह इस बात का सबसे बड़ा उदाहरण है कि धोखाधड़ी करने वाले कैसे ‘टिंडर ठग’ बन गए हैं। 

 

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