साल की अंतिम सोमवती अमावस्या कल, जानें स्नान-दान, परिक्रमा का शुभ मुहूर्त

परमजीत कुमार/देवघर: हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या का व्रत महत्वपूर्ण माना गया है. साल भर में कुल 12 अमावस्या पड़ती हैं, उनमें से एक है सोमवती अमावस्या. इस व्रत को महिलाएं करती हैं. मान्यता है कि व्रत करने से ग्रह-नक्षत्र की दिक्कत, लंबी बीमारी, शारीरिक कष्ट से मुक्ति मिलती है. वहीं सोमवती अमावस्या तिथि स्नान-दान का लिए बहुत शुभ मानी गई है.

देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने बताया कि इस साल कार्तिक अमावस्या के दिन ही सोमवती अमावस्या है. यह साल की अंतिम सोमवती अमावस्या है. सोमवती अमावस्या 13 नवंबर को मनाई जाएगी. वैसे तो सभी अमावस्या शुभ होती हैं लेकिन सोमवार और शनिवार के दिन पड़ने वाली अमवास्या खास होती है. इस दिन शिव पूजन करने से दोगुने फल की प्राप्ति होती है. साथ ही इस दिन गंगा स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है.

शारीरिक कष्ट से मुक्ति पाने के लिए करें यह उपाय
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि अगर आपके घर में कष्ट चल रहा है या आपको शारीरिक कष्ट या किसी बीमारी सें मुक्ति नहीं मिल रही है तो सोमवती अमावस्या के दिन मौन व्रत रखकर सुबह स्नान कर पीपल पेड़ की पूजा करें. साथ ही मौन व्रत रखकर 108 बार पीपल पेड़ की परिक्रमा करें. वहीं एक सरसों तेल का दीया पीपल पेड़ के नीचे अवश्य जलाएं. इससे आपको काफी राहत मिलेगी.

सोमवती अमावस्या का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार सोमवती अमावस्या की शुरुआत 12 नवंबर दोपहर 1 बजकर 12 मिनट से होगी, जो अगले दिन यानी 13 नवंबर को दोपहर 3 बजकर 15 मिनट पर समाप्ति हो रही है, इसलिए उदया तिथि के अनुसार 13 नवंबर को सोमवती अमावस्या मनाई जाएगी. वहीं स्नान-दान करने का शुभ मुहूर्त 13 नवंबर की सुबह 5 बजकर 20 मिनट से सुबह के 8 बजकर 36 मिनट तक रहेगा.

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