सालों से बैन है यह चीज, फिर भी बिहार में मिला 7 टन माल, बंगाल से है कनेक्शन

अररिया. बिहार में वैसे तो नशीले पदार्थ से लेकर अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं की तस्करी का मामला सामने आते रहे हैं. लेकिन, ताजा मामला मछली की तस्करी से जुड़ा हुआ है. दरअसल बिहार में शराबबंदी के बाद अब मांगुर मछली की तस्करी जोरों पर है. आज फारबिसगंज और नरपतगंज पुलिस ने मांगुर मछली लोड की गयी 2 ट्रकों को जब्त किया है जिसमें 7 टन मछली की जब्त होने की बात बताई जा रही है.

मिली जानकारी के अनुसार मछलियों का ट्रक अररिया होते हुए सुपौल की तरफ जा रहा था. पुलिस ने फारबिसगंज में तीन जबकि नरपतगंज में दो लोगों को हिरासत में लिया है. हिरासत में लिए गए ड्राइवर से फिलहाल पुलिस पूछताछ में जुटी है. अररिया एसपी अमित रंजन ने बताया कि चुनाव को लेकर जिले के कई जगहों पर इंटीग्रेटेड पोस्ट बनाए गए हैं जिसमें वाहन जांच के दौरान अररिया पुलिस ने यह कार्रवाई की है.

मत्स्य विभाग की टीम करेगी मामले की जांच

अररिया एसपी अमित रंजन ने बताया कि पुलिस फिलहाल मछलियों की जांच के लिए जिला मत्स्य पदाधिकारी को इसकी सूचना दी है. मत्स्य विभाग की टीम इस पूरे मामले की जांच करेगी. इसके बाद ही बताया जा सकता है कि जब मछली की कुल कीमत कितनी है. अब बड़ा सवाल होता है कि बंगाल से सीमांचल में प्रतिबंधित मछली आखिर कैसे पहुंच गई जबकि केंद्र सरकार ने मांस भक्षी मांगुर मछली को बैन किया हुआ है.

केंद्र सरकार ने लगा रखा है प्रतिबंध

वहीं इस बाबत जब हमने जिला मत्स्य पदाधिकारी से बात करनी चाहिए तो उनका नंबर 9473191521 स्विच ऑफ़ आ रहा है. बिहार में शराब तस्करी के बाद मांगुर मछलियों की तस्करी का यह नया ट्रेंड काफी पुराना लग रहा है. लेकिन सबसे बड़ा प्रश्न चिन्ह यह कि पश्चिम बंगाल से यह प्रतिबंध मांगुर मछली सीमांचल के सुदूर इलाके तक कैसे पहुंच गया जबकि केंद्र सरकार ने साल 2000 में ही इसे पूर्ण रूप से प्रतिबंधित करते हुए कहा था कि यह मानव स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है.

Tags: Bihar News, Fisheries

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