विकाश पाण्डेय/सतना: रैंगाव विधानसभा क्षेत्र के ग्राम मौहार में 20 वर्षों से बदहाल सड़क के निर्माण को लेकर ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है. ग्रामीणों ने गांव के मुख्य मार्ग के बाहर हाथो में तख्तियां लिए हुए रोड नही तो वोट नहीं के नारे के साथ अनशन शुरू कर दिया है. गांव वालों ने चेतावनी दी है कि अगर सड़क निर्माण को लेकर प्रशासन ने जल्द से जल्द अस्वाशन देते हुए निर्माण कार्य की रूप रेखा तय नहीं की तो इस स्थिति में ग्रामीण चक्का जाम और भूंख हड़ताल सहित उग्र आंदोलन और विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे.
ग्रामीणों ने कहा कि गांव की सड़क नाम मात्र की सड़क है. जिसके होने ना होने का का कोई मतलब नहीं सड़क में बड़े – बड़े गढ्ढे और उतार – चढ़ाव होने के कारण आये दिन दुर्घटनाएं होती हैं. हाल के ही कुछ महीनों पहले स्कूल से पढ़ कर घर आ रहे एक छात्र ट्रैक्टर ट्रॉली के नीचे a गया था. जिसकी वजह से उसकी मौके में ही मौत हो गई. गांव के अन्दर एम्बुलेंस या अन्य चार पहिया वाहन नहीं पहुंच पाते. जिसकी वजह से अगर कोइ बीमार पड़ता है तो उसे मुख्य मार्ग तक बड़ी मुश्किल से पैदल लाना पड़ता है.
हाथों में तख्ती लेकर अनशन में बैठे ग्रामीण.
हाथों में रोड नहीं तो वोट नहीं की तख्तीयां और गांव के बाहर सैंकड़ों की संख्या में टेंट लगाकर प्रदर्शन कर रहे ग्रामीण अपने गांव की बदहाल सड़क को लेकर अनशन में बैठे जद्दोजहद कर रहे हैं. मौहार के ग्रामीणों का कहना है. कि सड़क निर्माण को लेकर पहले भी सरकार के द्वारा वादा किया जा चुका था. लेकिन वादा पूरा नहीं किया गया.
20 वर्ष पहले बनाई गई थीं कच्ची सड़क.
ग्रामीणों ने बताया की 20 वर्ष पहले गांव की कच्ची सड़क का निमार्ण ग्राम पंचायत के द्वारा करवाया गया था. तब से आज तक गांव की सड़क वैसे ही है. बल्कि अब सड़क के परखच्चे उड़ चुके हैं. थोड़ी बारिश में ही सड़क की हालत ऐसी हो जाती है कि वाहन तो छोड़िए पैदल चलना दुशवार हो जाता है.ग्रामीण लाला रावत ने कहा कि अगर गांव की सड़क सही होती तो आज मेरा बेटा मेरे पास होता इसी सड़क की बदहाली के कारण मेरा बेटा ट्रैक्टर ट्रॉली के नीचे आगया और उसकी मौत हो गई.
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FIRST PUBLISHED : October 7, 2023, 20:24 IST