सागर विश्वविद्यालय में 25 राज्यों के विद्यार्थियों ने लिया दाखिला, इन कोर्स में सबसे ज्यादा रहा रुझान

अनुज गौतम/सागर :डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर में 2023-24 में प्रवेश लेने के लिए दो चरणों की काउंसलिंग पूरी हो गई है. जल्द ही तीसरे राउंड की काउंसलिंग शुरू की जाएगी. सागर विश्वविद्यालय में चल रहे पाठ्यक्रमों के लिए अब तक देश भर के 25 राज्यों के स्टूडेंट ने सागर विश्वविद्यालय में एडमिशन लिया है. यहां पर संचालित होने वाले प्रोफेशनल कोर्स की तरफ विद्यार्थियों का अधिक रुझान देखने को मिला है. वहीं खास बात यह है कि प्रवेश लेने वालों में 44 फीसद छात्राएं शामिल हैं.

इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सागर विश्वविद्यालय में हर साल पढ़ाई का स्तर बढ़ रहा है जिसकी वजह से छात्र इस विश्वविद्यालय में दाखिला ले रहे हैं. विश्वविद्यालय के प्रवेश प्रकोष्ठ विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक स्नातक पाठ्यक्रम में एडमिशन लेने वाले टॉप फाइव राज्य में मध्य प्रदेश के अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार, छतीसगढ़ और राजस्थान राज्य हैं. इसमें सबसे अधिक 1558 स्टूडेंट एमपी के हैं.
इसी प्रकार स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में अब तक दाखिला लेने छात्रों में भी मध्यप्रदेश के विद्यार्थियों की संख्या सबसे ज्यादा 613 है. इसके बाद उत्तर प्रदेश, केरल, बिहार एवं उड़ीसा राज्य हैं. अभी तक कुल 3022 बच्चों ने अलग-अलग कोर्स में एडमिशन लिया है.

प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों की तरफ विद्यार्थियों का रुझान बढ़ा
विश्वविद्यालय में संचालित एकीकृत बीए-बी.एड, बीएससी-बी.एड. और बीए-एलएलबी पाठ्यक्रमों की तरफ विद्यार्थियों का रुझान काफी बढ़ा है. उपलब्ध सीटों की तुलना में इसमें प्रवेश लेने के इच्छुक अभ्यर्थियों की लम्बी प्रतीक्षा सूची है. इसके अलावा अन्य प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों जैसे बीसीए, बीएफ़ए की तरफ भी विद्यार्थियों की रूचि बढ़ी है. आइटेप प्रोग्राम के तहत संचालित एकीकृत पाठ्यक्रमों में काउंसिलिंग प्रक्रियाधीन है जिसके संपन्न होते ही ऐसे विद्यार्थियों की संख्या में और इजाफा हो जाएगा.

एमएससी फोरेंसिक साइंस जैसे पाठ्यक्रमों का रिकॉर्ड कायम
प्रवेश प्रकोष्ठ और विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार एमएससी फोरेंसिक साइंस की सभी सीटों पर प्रवेश हो चुका है. बी.फार्मा, बी-लिब, एम. लिब. में कुछ ही सीटें शेष हैं जो अगली काउंसिलिंग के बाद भर ली जायेंगी. इसके अलावा अप्लाइड जियोलोजी, बॉटनी, हिन्दी, अंग्रेजी, इतिहास, संगीत जैसे विषयों में भी कुछ ही सीटें शेष हैं जो आगामी काउंसिलिंग में भर जायेंगी. वहीं उन्होने आगे बताया कि सीयूईटी प्रणाली के चलते विश्वविद्यालय में संचालित पारंपरिक पाठ्यक्रमों में भी पिछले वर्षों की तुलना में अधिक सीटें भरी हैं.

विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा-
बुंदेलखंड के विकास के सपने के साथ डॉ. गौर ने यह विश्वविद्यालय स्थापित किया था. आंकड़े यह बताते हैं कि सबसे ज्यादा विद्यार्थी मध्य प्रदेश और विश्वविद्यालय के आस-पास के अंचलों से हैं. ‘यूनिटी इन डायवर्सिटी’ भारत की विशेषता है. अन्य राज्यों के विद्यार्थी भी यहाँ प्रवेश ले रहे हैं. विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास के समग्र लिए विभिन्न संस्कृतियों से परिचय आवश्यक है. लड़कियों का इतनी ज्यादा संख्या में प्रवेश लेना भी शिक्षा में उनकी रूचि के साथ उनकी सशक्त स्थिति को दर्शाता है. यह समाज के लिए शुभ संकेत है.

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