सागर में माता जानकी की गोद भराई, इस मंदिर में रस्म के दौरान नाच उठे घोड़े

अनुज गौतम/सागर. 17 दिसंबर को होने वाले राम जानकी विवाह महोत्सव की तैयारी सागर में जोरों पर हैं. वहीं, माता जानकी की गोद भराई की रस्म भी निभाई गई, जिसमें 25 घोड़े शामिल किए गए. कार्यक्रम में शामिल घोड़े बैंड बाजे की धुन पर मस्त होकर नाचते नजर आए. यह नजारा देखकर हर कोई हैरान रह गया.

बैंड-बाजा डीजे के साथ ही अलग-अलग हाथ ठेलों पर सामग्री रखकर श्रद्धालु ताल से ताल मिलाकर नगर में निकले थे. जगह-जगह उनका स्वागत किया गया. इसके अलावा नगर के लोग बड़ी संख्या में गोद भराई की रस्म निभाने के लिए अलग-अलग सामग्री लेकर श्री सिद्ध राम नाम धाम पहुंचे थे.

दुल्हन की तरह सज रहा शहर
राम महाबारत के लिए नगर को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है. हर चौराहे पर स्वागत द्वार बनाए जा रहे हैं. विवाह की पत्रिका भी बांटी जा रही है. साथ ही महाबारात में लोगों पीले चावल देकर आमंत्रित किया जा रहा है. श्री रामनाम सिद्धपीठ खिरिया वार्ड में यह भव्य आयोजन किया जाएगा. गुरुजी जागेश्वर प्रसाद टोटे राम नाम महाराज ने बताया कि बीना में यह ऐतिहासिक चक्रवर्ती महाबारात 41 वर्षों से निकाली जा रही है.

राम नाम का प्रचार करने के लिए अयोजन
बताया, यह भव्य आयोजन इसलिए किया जाता है कि पूरे विश्व में रामनाम का प्रचार हो. यह भव्य महोत्सव पूरे 10 दिन चलता है. वैवाहिक रस्मों की शुरुआत हो चुकी है. लगन उत्सव के बाद माता जानकी की गोद भराई हुई. प्रथा के अनुसार, भगवान श्रीराम की ओर से गोद भराई का सामान धूमधाम से पहुंचाया गया. इस अवसर पर सभी भक्त नाचते गाते कच्चा रोड से लिंक रोड सर्वोदय चौराहे होते हुए श्रीराम नाम सिद्धपीठ पहुंचे.

मंदिर में निभाई जा रही रस्में
मंदिर में श्रीराम रामनाम महाराज ने सभी रस्में पूरी कीं. इस ऐतिहासिक चक्रवर्ती महाराबात में पूरे शहर के लोग हर्षोल्लास के साथ शामिल हुए. बता दें कि चक्रवर्ती महाबारात राम नाम सिद्ध पीठ खिरिया वार्ड से निकलती है, जो इटावा सर्वोदय चौराहा, गांधी तिराहा, महावीर चौक कच्चा रोड होते हुए लौटकर श्री राम नाम सिद्धपीठ पर समाप्त होती है. इसके बाद भंडारे का आयोजन होता है.

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