अनुज गौतम/सागर: सागर के क्रो-मैन कहे जाने वाले अनिल गर्ग के एक बुलावे पर हजारों कौवे आ जाते हैं. वह उन्हें प्यार से खीर, सेव, समोसे, मंगोड़ी, जलेबी, गुड़ के पराठे खिलाते और पानी पिलाते हैं. ज्योतिषाचार्य आचार्य अनिल गर्ग तीन साल से निरंतर 5:19 मिनट पर कौवों के लिए दाना डालते हैं.
जैसे ही वह आवाज लगाते हैं… ‘आओ आओ’ तो कौवे कांव-कांव करते हुए उन्हें घेर लेते हैं. जो भी इनकी दोस्ती को देखता है अचंभित रह जाता है. क्योंकि एक तरफ जहां शहर में बमुश्किल कौवे दिखाई देते हैं, वहीं अनिल के लिए हजारों कौवे पहुंच जाते हैं. वैसे तो लोग कुत्ते, बंदर, तोता या अन्य जानवरों से दोस्ती करते हुए देखा जाते हैं, लेकिन अनिल गर्ग की ये दोस्ती कुछ अलग है.
एक आवाज पर हजारों कौवे आ जाते
गोपालगंज में रहने वाले ज्योतिषाचार्य अनिल गर्ग माता रानी के भक्त हैं. उन्हीं की प्रेरणा से करीब 3 साल पहले कौवों को दाना खिलाना शुरू किया था. इसके लिए वह रोजाना विश्वविद्यालय पहाड़ी पर स्थित गौर समाधि के सामने वाले मैदान में पहुंचने लगे. शुरुआत में कभी दो तो कभी चार कौवे आते थे. चार महीने तक उन्होंने कौए को दाना खिलाने के लिए खूब साधना की. धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़ने लगी. अब हजारों की संख्या में यहां पर कौए आने लगे हैं. अनिल अपनी पत्नी के साथ यहां पर पहुंचते हैं.
पितृ ऋण से मुक्त हो जाते हैं
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि का कौए को काकभुशुण्डि भी कहा जाता है और इनका वर्णन वेद, शास्त्र और पुराणों में भी मिलता है. ब्रह्म पुराण, रामायण, श्रीमद् भागवत गीता में इनका उल्लेख है. काकभुशुण्डि भगवान राम के अनन्य भक्त हैं. बताया कि कौओं को दाना खिलाने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. आजकल हर व्यक्ति जल्दी में रहता है. पूजन पाठ नहीं करता और झूठ भी बहुत बोलता है. अगर कागभुसुंडि की सेवा करें तो उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं. जीवन उन्नति की ओर आगे बढ़ता है.
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FIRST PUBLISHED : February 4, 2024, 17:40 IST