ओलंपिक पदक विजेता पहलवानों साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया ने बुधवार को आरोप लगाया कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख संजय सिंह ने यूनाईटेड वर्ल्ड रेस्लिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) द्वारा लगाया प्रतिबंध हटवाने के लिए कपटपूर्ण तरीकों का इस्तेमाल किया और डब्ल्यूएफआई के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन फिर शुरू करने की धमकी दी।
UWW (यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग) ने मंगलवार को भारत पर लगा अस्थाई प्रतिबंध हटा दिया लेकिन राष्ट्रीय महासंघ को निर्देश दिया कि वह लिखित गारंटी दे कि विरोध कर रहे पहलवानों बजरंग, साक्षी और विनेश फोगाट के खिलाफ कोई भेदभावपूर्ण कार्रवाई नहीं की जाएगी। WFI के समय पर चुनाव कराने में नाकाम रहने पर यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने यह निलंबन पिछले साल अगस्त में लगाया था।
डब्ल्यूएफआई के पूर्व प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह की महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के लिए गिरफ्तारी की मांग करते हुए बजरंग, साक्षी और विनेश ने एक साल से अधिक समय तक विरोध-प्रदर्शन किया था।
साक्षी ने X पर एक वीडियो शेयर करते हुए कहा कि, हमें कल पता चला कि संजय सिंह ने निलंबन हटवाने के लिए यूडब्ल्यूडब्ल्यू के साथ कोई सांठगांठ कर ली है। बृज भूषण और संजय सिंह ने स्वयं को कानून से ऊपर दिखाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। वहीं खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से यहां शतरंज ओलंपियाड मशाल सौंपने के समारोह के इतर जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, हम आपको बताएंगे कि हम क्या करेंगे।
साक्षी ने जोर देते हुए कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृज भूषण के विश्वास पात्र को डब्ल्यूएफआई का संचालन करने की स्वीकृति दी जाएगी तो प्रदर्शनकारी पहलवानों के पास विरोध दोबारा शुरू करने के अलावा कोई रास्ता नहीं होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा विरोध सिर्फ निलंबित है। मैंने भले ही कुश्ती से संन्यास ले लिया हो लेकिन मैं बर्दाश्त नहीं करूंगी कि बृज भूषण या उसके लोग महासंघ को चलाएं और महिलाओं का उत्पीड़न करें।’’
साक्षी ने कहा, ‘‘अगले दो-चार दिन में हम हमारे विरोध से जुड़े लोगों से संपर्क करेंगे और भविष्य की कार्रवाई की रूपरेखा तैयार करेंगे। मैं सरकार से अपील करती हूं कि वे सुनिश्चित करें कि बृज भूषण या उसके गुट को महासंघ के संचालन से प्रतिबंधित किया जाए और यह काम करने की जिम्मेदारी कुछ अच्छे लोगों को सौंपी जाए। अन्यथा हमें फिर विरोध-प्रदर्शन की राह पर चलना होगा। ’’
बजरंग ने भी साक्षी से सहमति जताते हुए कहा, ‘‘दो-तीन दिन पहले ही बृज भूषण का बेटा उत्तर प्रदेश कुश्ती संस्था का अध्यक्ष बन गया जबकि उसने कहा था कि उसके परिवार का कोई सदस्य कुश्ती प्रशासन में नहीं आएगा। सरकार ने वादा किया था कि बृजभूषण या उसका कोई रिश्तेदार या सहयोगी खेल का संचालन नहीं करेगा।’’
बृज भूषण ने लगातार कहा है कि डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष का उनका कार्यकाल पूरा होने के बाद उनका कुश्ती से कुछ लेना देना नहीं है।
दिसंबर में हुए चुनावों में बृज भूषण के विश्वास पात्र संजय सिंह को अध्यक्ष चुना गया था लेकिन प्रभार संभालने के तीन दिन के भीतर बेहद कम समय में आयु वर्ग की राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की तारीखों की घोषणा करके अपने ही संविधान का उल्लंघन करने के लिए डब्ल्यूएफआई को निलंबित कर दिया था।
साक्षी ने साथ ही आरोप लगाया कि राष्ट्रीय प्रतियोगिता का आयोजन करके संजय सिंह की अगुआई वाले डब्ल्यूएफआई ने महासंघ के कोष का दुरुपयोग किया है।
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