सांभर हिरण के सींग से बना है यह वाद्ययंत्र, बजाने से भाग जाते हैं कीड़े!

दीपक पाण्डेय/खरगोन. वाद्य यंत्रों से निकला संगीत सबका मन मोह लेता है. आज एक ऐसे ही वाद्ययंत्र के बारे में आपको बताएंगे जिसके बारे में शायद ही आपने सुना या देखा होगा. इस अनोखे वाद्य यंत्र का नाम सिंगी है. देश के सबसे बड़े हिरण सांभर के सींग से इसको बनाया जाता है. दिखने में बड़ा ही मामूली सा लगता है, लेकिन इससे निकला संगीत सुनकर आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे और खूबियां जानकर हैरान.

बता दें कि मध्य प्रदेश के खरगोन के पास घूघरिया खेड़ी गांव के रहने वाले करीब 60 साल के छगन नाथ गांव-गांव में परंपरागत भोलेनाथ की फेरी निकालते हैं. साथ ही सिंगी बजाते हैं. खास बात यह कि लोग स्पेशल उन्हें यह अपने घरों में सिंगी बजाने के लिए बुलाते हैं. कहां जाता है कि इसे जिस घर में सिंगी बजाई जाती है. वहां से सभी तरह के कीड़े भाग जाते हैं और घर में सुख-शांति आती है.

घर में सिंगी बजाने के फायदे
सिंगी की खूबियां और इसके पीछे की मान्यताओं के बारे में कलाकार छगन ने बताया कि सांभर हिरण का सिंग, जो अंदर से खोखला होता है. घोड़े के काले बालों की चोटी गूथ कर मेटल के तार की कड़ी से जोड़कर सिंगी वाद्य यंत्र को बनाया जाता है. हाथों से पकड़कर मुंह से बांसुरी की तरह बजाने पर शंख की तरह ध्वनि निकलती है. यह संगीत सुकून देने वाला है. एक बार सुनने पर मन करता है घंटों सुनते जाएं.

50 वर्षों से बजा रहे
छगन का मानना है कि सिंगी जिस जगह बजाया जाता है, वहां से कीड़े हमेशा के लिए चले जाते हैं. इसके अलावा, उस स्थान या घर में शांति का वातावरण निर्मित हो जाता है. बताया कि उनके पास यह सिंगी उनके पिताजी के समय से है और वह स्वयं करीब 50 साल से इसे बजाते आ रहे हैं.

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