ससुर-बहू की जोड़ी का कमाल, लीज पर जमीन लेकर शुरू की खेती, अब हो रही लाखों की..

नीरज कुमार/बेगूसराय: शादी के पहले पिता और शादी के बाद ससुराल में पति के नाम से पहचानी जाने वाली महिलाओं के लिए खेती के दम पर अपनी अलग पहचान बना पाना चुनौतीपूर्ण रहता है. लेकिन, 5G के जमाने में किसानों के लिए मोबाइल वरदान साबित हो रहा है. खासकर महिला किसानों के लिए मोबाइल प्रगति का द्वार खोलने से कारगर साबित हो रहा है. मोबाइल के जरिए खेती-किसानी की नई तकनीक हासिल कर महिलाएं खेती को नया आयाम दे रही है. ऐसी ही कहानी बिहार के बेगूसराय में एक ससुर और बहू की जोड़ी की है, जो खेती-किसानी के क्षेत्र में कमाल कर रहे हैं. रवीना देवी ने मोबाइल पर खेती से अच्छी कमाई का तरीका सीखा और ससुर रामपुकार सदा के सहयोग से सपनों को पूरा करने में जुट गई है.

आधुनिकता के इस दौर में जहां संयुक्त परिवार, एकल परिवार में बदलते जा रहा है तो सीमांत किसानों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इसके विपरीत बेगूसराय जिला मुख्यालय से 37 किमी दूर डंडारी प्रखंड अंतर्गत तेतरी वार्ड संख्या- 01 की रहने वाले काजल कुमार सदा की पत्नी रवीना देवी ने संयुक्त परिवार की अहमियत को समझा और परिवार को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की ठान ली.

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खेती के जरिए बनाई अपनी अलग पहचान
रवीना ने बताया कि बात जून 2021 की है, मोबाइल देख रहे थे. इसी दौरान बैगन की खेती करने का वीडियो देखा और इससे होने वाली आमदनी को भी बारीकी से समझा. इसके बाद बैगन की खेती करने की ठान ली. जब पूरी कहानी ससुर रामपुकार सदा को बताया तो उन्होंने हर संभव मदद करने का भरोसा दिया. फिर क्या था ससुर की मदद से बैंगन की खेती करना प्रारंभ कर दिया. खेत में बैगन का उत्पादन बेहतर होने के साथ कमाई भी अच्छी हो रही है. आज ससुर-बहु की खेती की जोड़ी की चर्चा जिले में होती है और यह जोड़ी दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गई है.

हर माह 50 हजार तक की हो जाती है कमाई
रवीना देवी ने बताया कि जीविका से 35 हजार कर्ज लेकर ससुर के सहयोग से साहूकारों से तीन बीघा जमीन 15 हज़ार सालाना देकर लीज पर लिया. इसके बाद 2 रुपए प्रति पौधे की दर से 13 हजार 240 रुपए के बैगन का पौधा खरीद कर खेती शुरू कर दी. रवीना ने बताया कि हर 8वें दिन खेत से 15 से 20 हजार से अधिक का बैगन निकल रहा है और बाजार तक पहुंच रहा है. उन्होंने बताया कि बैगन की खेती के लिए खेत को तीन हिस्सों में बांट दिया है. ताकि सिंचाई से लेकर प्रबंधन तक में कोई परेशानी ना हो. तीनों हिस्सों में अलग-अलग समय पर बैंगन का पौधा लगाते हैं. एक से फलन बंद होता है दूसरे में चालू हो जाता है. ऐसे में साल भर बैगन का उत्पादन कर लेते हैं. महीने में लगभग 60 हजार का बैंगन खेत से निकलता है. इसमें 25 से 30 हजार की एक बार लागत आती है और हर माह 50 हजार का शुद्ध मुनाफा होता है.

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