सर्फिंग क्या है? इसका इतिहास और नियम पूरी डिटेल, ओलंपिक 2024 में भारत को मिलेगा मेडल!

लहरबाजी या लहरसवारी या तरंगक्रीडा जो नाम से आप इस खेल को बुलाते हों पूरी दुनिया में ये सर्फिंग के नाम से जाना जाता है। समुद्र की लहरों पर किया जाने वाला एक खेल है जिसमें लहरबाज एक फट्टे पर संतुलन बनाकर खड़े रहते हुए तट की तरफ आती किसी लहर पर सवारी करते हैं। 

 

सर्फिंग क्या है?

वास्तव में सर्फिंग एक वाटर स्पोर्ट्स है, जिसमें एक एथलीट एक बोर्ड पर खड़े होकर लहर पर अपने करतब दिखाता है। 

सर्फिंग का इतिहास 

कहा जाता है कि, पुराने समय में पेरू में और उसके बाद लगभग 400 ईस्वी में पूरे पोलिनेशिया में मछुआओं द्वारा सर्फिंग का अभ्यास किया जाता था। 

प्रतिस्पर्धी सर्फिंग में, दो और चार एथलीटों के बीच एक हीट प्रतियोगिता होती है। जहां उनके पास शानदार वेव को पकड़ने के लिए 20 से 30 मिनट के बीच का समय होता है। 

 सर्फिंग के नियम

  • सर्फिंग के नियमों का पालन करते हुए, केवल एक सर्फर एक समय में एक वेव की सवारी कर सकता है, जिसके पास वेव के ऊपरी सतह पर पहुंचने का पूरा अधिकार होता है। 
  • इस दौरान जजों के एक पैनल द्वारा दो बेस्ट राइडर को चुना जाता है, इसके साथ ही साथ एथलीटों को प्रत्येक वेव में उनके प्रदर्शन के आधार पर 10 में कितने अंक दिए जाएं, ये जजों का पैनल तय करता है- मुश्किल हालात, वेव के अलग-अलग प्रकार के साथ सर्फर का वेव के साथ तालमेल, गति और प्रवाह के आधार पर प्रत्येक सर्फर के प्वाइंट तय किए जाते हैं।

 ओलंपिक में सर्फिंग

सर्फिंग ने 2021 में टोक्यो 2020 में अपना ओलंपिंक डेब्यू किया, जिसमें पुरुषों और महिलाओं की प्रत्येक प्रतियोगिता में 20 एथलीट शामिल थे। एथलीटों ने अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के अनुसार शॉर्टबोर्ड का इस्तेमाल किया। 

पेरिस ओलंपिक 2023 में भारत को पदक की आस 

 पिछले साल एशियाई खेलों में सर्फिंग में भारत को इबाद अली ने पदक दिलाया था। उन्होंने पुरुषों की विंडसर्फर आरएस एक्स स्पर्धा में ब्रॉन्ड मेडल जीता। जिसके बाद भारत को सर्फिंग में मेडल की आस है। 

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *