सर्द हवा से बदली मंदिरों की दिनचर्या, सुबह गुनगुने पानी से स्नान और शाम को गर्म वस्त्र

अनुज गौतम/सागर. श्रीकृष्ण की उपासना के लिए समर्पित मार्गशीर्ष मास शुरू हो चुका है. इस माह में सर्दी बढ़ने के साथ ही सागर शहर के मंदिरों में भगवान की दिनचर्या में बदलाव हो गया है. अब भगवान को सुबह गुनगुने पानी से स्नान और शाम को गर्म ऊनी कपड़े की पोशाक धारण कराई जा रही है. इसके अलावा कुछ मंदिरों में गर्भगृह खुलने और बंद होने के समय में भी बदलाव हुआ है. बड़ा बाजार स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर, द्वारकाधीश, रामबाग, धनेश्वर, चंपाबाग हनुमान मंदिर, काकागंज राम दरबार, पशुपतिनाथ मंदिर तिली सहित शहर के विभिन्न श्रीकृष्ण मंदिरों में वैष्णव परंपरा के अनुसार ठाकुरजी की दिनचर्या में बदलाव हुआ है.

सागर शहर के मंदिरों में सुबह से ही पूजन अनुष्ठान शुरू हो जाते हैं. शहर के लक्ष्मी नारायण मंदिर में भगवान का स्नान करने के बाद विशेष श्रृंगार कराया जाता हैं और नई पोशाक को धारण कराया जा रहा है. वहीं इसके साथ ही सर्दी का मौसम शुरू होने की वजह से जहां पहले भगवान को ऊनी वस्त्र धारण कराए गए थे. शाम को रोजाना मनी वस्त्र भगवान के लिए बनाए जाते हैं. वहीं अब उनकी सेहत का ख्याल रखते हुए स्नान करने वाले पानी को गर्म किया जा रहा है यानी गुनगुने पानी से भगवान स्नान करते हैं.

मंदिर के पुजारी पंडित दीपेश गौतम बताते हैं कि तुलसी एकादशी के दिन से भगवान को ऊनी वस्त्र धारण कराए गए थे, ताकि उन्हें सर्दी ना लग जाए. अब तापमान में और गिरावट होने की वजह से ठिठुरन बढ़ गई है, इसलिए पानी को भी गर्म किया जाने लगा है

मंदिर में आरती के समय में बदलाव
इसके साथ ही मंगला आरती और संध्या आरती के समय में भी एक-एक घंटे का परिवर्तन किया गया है. सुबह भगवान 1 घंटे देरी से उठते हैं और शाम को 1 घंटे जल्दी से जाते हैं.

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